CG News: छत्तीसगढ़ में इस सिंचाई तकनीक को लागू करने का फैसला, सीएम विष्णु देव साय ने किया अवलोकन, बोले– किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

CG News: छत्तीसगढ़ में इस सिंचाई तकनीक को लागू करने का फैसला, सीएम विष्णु देव साय ने किया अवलोकन, बोले– किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

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  • Publish Date - December 7, 2025 / 11:12 PM IST,
    Updated On - December 7, 2025 / 11:13 PM IST

CG News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • CM विष्णु देव साय का बड़ा कदम!
  • छत्तीसगढ़ में बदलेगा सिंचाई का पूरा सिस्टम
  • किसानों की किस्मत बदलेगी ये तकनीक

रायपुर:  CG News:  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने आज भोपाल में सिंचाई की नवीनतम तकनीक PIN (Pressure Irrigation Network) के संबंध में विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि पारंपरिक सिंचाई पद्धतियों की तुलना में यह प्रणाली कहीं अधिक कुशल, आधुनिक और जल संरक्षण के अनुरूप है।

अपर मुख्य सचिव राजौरा ने प्रस्तुति के दौरान बताया कि जहाँ पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई में लगभग 35 प्रतिशत एफिशिएंसी प्राप्त होती है, वहीं प्रेशर इरिगेशन प्रणाली में दक्षता बढ़कर 65 प्रतिशत तक पहुँच जाती है। इस तकनीक में प्रेशर आधारित पाइपलाइनों से सिंचाई की जाती है, जिससे पानी का रिसाव और अपव्यय कम होता है तथा बिजली की उल्लेखनीय बचत होती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रणाली में भू-अधिग्रहण की आवश्यकता न्यूनतम होती है, जिससे परियोजनाएं समय पर और लागत प्रभावी तरीके से पूरी की जा सकती है।

प्रस्तुति में उल्लेख किया गया कि मध्यप्रदेश में 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इस तकनीक से सिंचाई की जा रही है और आगामी वर्षों में इसे 40 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का लक्ष्य है। इस मॉडल से न केवल जल उपयोग दक्षता बढ़ी है, बल्कि किसानों की उत्पादकता और सिंचाई सुविधा में भी महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।

CG News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रेजेंटेशन की सराहना करते हुए कहा कि सिंचाई की यह उन्नत तकनीक जल प्रबंधन की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हम इस तकनीक का छत्तीसगढ़ में भी अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे, ताकि राज्य के किसानों को कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा और बेहतर उत्पादन मिल सके। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और त्वरित क्रियान्वयन के दृष्टिकोण से यह तकनीक अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इस तकनीक के माध्यम से भूमि अधिग्रहण किए बिना भी सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विभागीय अधिकारियों को इस तकनीक के अध्ययन, परीक्षण और चरणबद्ध क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, अधीक्षण यंत्री विकास राजोरिया और अधीक्षण यंत्री शुभंकर विश्वास भी उपस्थित थे।

CG News: उल्लेखनीय है कि पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई में पानी का एक बड़ा हिस्सा रिसाव, वाष्पीकरण और अनियंत्रित बहाव के कारण व्यर्थ हो जाता है, जिससे खेतों तक वास्तविक जल आपूर्ति सीमित रहती है और पूरी कमांड एरिया में समान सिंचाई नहीं हो पाती। सामान्यतः पारंपरिक प्रणाली की कुल सिंचाई दक्षता केवल 35 प्रतिशत मानी जाती है। वहीं दूसरी ओर PIN (Pressure Irrigation Network) प्रणाली में पानी पाइपलाइनों के माध्यम से नियंत्रित दबाव के साथ सीधे खेतों तक पहुँचाया जाता है, जिससे पानी का अपव्यय लगभग शून्य हो जाता है। इस तकनीक से सिंचाई दक्षता बढ़कर 65 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, जो जल संरक्षण और उत्पादन बढ़ाने दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

PIN प्रणाली में सिंचाई पूरी तरह पाइपलाइन आधारित होने के कारण नहर निर्माण की आवश्यकता कम हो जाती है और भू-अधिग्रहण भी न्यूनतम होता है। इससे परियोजनाओं की लागत घटती है और कार्य समय पर पूरे होते हैं। पारंपरिक सिंचाई की तुलना में इस तकनीक में पंपिंग दक्षता अधिक होती है, जिससे बिजली की उल्लेखनीय बचत होती है। समान दबाव से पानी वितरण होने के कारण खेतों के टेल एंड के क्षेत्रों को भी पर्याप्त पानी मिलता है। इस प्रणाली से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, जल प्रबंधन में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि जैसे व्यापक लाभ प्राप्त होते हैं।

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"PIN (Pressure Irrigation Network)" तकनीक क्या है और यह कैसे काम करती है?

PIN (Pressure Irrigation Network) एक आधुनिक सिंचाई तकनीक है जिसमें पानी को पाइपलाइनों के माध्यम से नियंत्रित दबाव के साथ खेतों तक पहुँचाया जाता है। इस प्रणाली में पानी का रिसाव और अपव्यय कम होता है, जिससे सिंचाई की दक्षता बढ़कर 65 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इस प्रणाली से नहर निर्माण की आवश्यकता कम होती है और भू-अधिग्रहण की भी जरूरत नहीं होती।

"PIN प्रणाली" के क्या लाभ हैं?

PIN प्रणाली के प्रमुख लाभों में जल संरक्षण, बिजली की बचत, और सिंचाई दक्षता में सुधार शामिल हैं। इस तकनीक से पानी का अपव्यय कम हो जाता है और खेतों के अंतिम हिस्से तक भी समान रूप से पानी पहुँचता है। इसके अलावा, यह फसलों की उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि में भी सहायक होती है।

"PIN तकनीक" छत्तीसगढ़ में कब लागू की जाएगी?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस तकनीक का छत्तीसगढ़ में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। विभागीय अधिकारियों को इसके अध्ययन, परीक्षण और चरणबद्ध क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि राज्य में किसानों को कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा मिल सके।