Singrauli Crime News: मुख्य सचिव बनकर कलेक्टर को लगाया कॉल, टेंडर दिलाने का बनाया दबाव, जब हुआ खुलासा तो उड़े सभी के होश
Singrauli Crime News: मुख्य सचिव बनकर कलेक्टर सिंगरौली को फोन लगाकर टेंडर दिलाने दबाव बनाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
Singrauli Crime News/Image Credit: IBC24
- युवक ने मुख्य सचिव बनकर सिंगरौली कलेक्टर को किया कॉल।
- कलेक्टर पर बनाया टेंडर दिलाने का दबाव।
- पुलिस ने फर्जी कॉल करने वाले तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
Singrauli Crime News: सिंगरौली: मध्यप्रदेश के प्रशासनिक मुखिया यानी मुख्य सचिव बनकर कलेक्टर सिंगरौली को फोन लगाकर टेंडर दिलाने दबाव बनाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कलेक्टर गौरव बैनल के शासकीय मोबाइल नंबर पर फोन लगाया और अपने आप को मुख्य सचिव बताते हुए दो लोगों को मिलने और उनका काम करने के लिए कहा। जिस मोबाइल नंबर से फोन किया, उसके व्हाट्सएप स्टेटस में बाकायदा मुख्य सचिव की फोटो लगा रखी थी ताकि यह शक न हो कि फोन कोई दूसरा कर रहा है।
कैसा हुआ मामले का खुलासा
Singrauli Crime News: पुलिस ने बताया कि आरोपी सचिन कुमार मिश्रा 24 वर्ष निवासी भोपाल ने मुख्य सचिव बनकर कलेक्टर को फोन लगाया और बोला कि बीपी मिश्रा और सचिंद्र तिवारी मिलने आएंगे, वे जो काम बताएंगे, उसे करवा देना है। इस फोन को लेकर कलेक्टर को तुरंत संदेह हुआ, लिहाजा उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। कुछ समय बाद दोनों लोग कलेक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे तो कलेक्टर ने दोनों लोगों को चेंबर में बुलाया और बातचीत करने लगे। तभी पीछे से पुलिस टीम पहुंची और दोनों लोगों को पकड़कर थाने लेकर आई, जहां पूछताछ में स्पष्ट हो गया कि फर्जी तरीके से फोन किया गया था।
पुलिस ने बताई पूरी कहानी
Singrauli Crime News: पुलिस ने बताया कि आरोपी बीपी मिश्रा सिंगरौली में केंद्रीय सुरक्षा बल में उप निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। जिसकी जान-पहचान सचिंद्र तिवारी निवासी कुशमहरा खुटार से थी। बीपी मिश्रा का बेटा भोपाल में प्रोफेसर कॉलोनी में रहकर कम्प्यूटर साइंस से ग्रेजुवेशन करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। पिता ने ही बेटे से कहा कि भोपाल में किसी अधिकारी से जान-पहचान हो तो उनसे कलेक्टर को फोन करवा दो ताकि जो निर्माण कार्य व स्कूलों में विद्युतीकरण के टेंडर सिंगरौली से निकले, वह काम उन्हें मिले। बेटे ने योजना बनाई और कलेक्टर को मुख्य सचिव बनकर फोन लगा दिया लेकिन उसे नहीं पता था कि कलेक्टर को फर्जी फोन लगाना महंगा पड़ जायेगा।

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