भोपाल। राजधानी भोपाल के लिए आज का दिन इतिहास के काले पन्नों के रूप में याद किया जाता है। दरअसल आज भोपाल गैस त्रासदी की 37वीं बरसी है। ठीक 37 साल पहले दो-तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात भोपाल गैस कांड हुआ था। इसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
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दुनिया में का ये पहला और सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल डिजास्टर रहा है। जिसमें करीब 15 हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इस बरसी को देखते हुए भोपाल में गैस पीड़ितों के आधे दर्जन से अधिक संगठन अपनी मांगों, सही मुआवजे, बेहतर इलाज और दोषियों को सजा के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सबसे बड़ा आयोजन गैस त्रासदी स्थल मतलब यूनियन कार्बाइड कारखाने में होगा। यहां सैकड़ों की संख्या में गैस पीड़ित सरकार के विरोध में रैली निकाल।
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यूनियन कार्बाइड का पुतला दहन करेंगे। साथ ही सेंट्रल लाइब्रेरी में श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन भी किया जाएगा। बता दें कि जेपी 00 नगर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के प्लांट नंबर-CK टैंक नंबर-610 से लीक हुई मिथाइल आइसोसाइनेट ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया। इस रात को जब शहर चैन की नींद सो रहा था। तब गैस भोपाल के बड़े इलाकों में लाशों का ढेर बिछा रही थी। तब लाशों को ढोने के लिए गाड़ियां और कफन भी कम पड़ गए थे। हमीदिया अस्पताल में हजारों लाशों के ढेर लगे हुए थे।
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