loans being distributed in a fake way without application

बिना कर्ज लिए ही किसान बने कर्जदार, बिना आवेदन के फर्जी तरीके से बांटा जा रहा ऋण, किसानों को नही लगी भनक

बिना कर्ज लिए ही किसान बने कर्जदार, बिना आवेदन के फर्जी तरीके से बांटा जा रहा ऋण: loans being distributed in a fake way without application

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : December 2, 2021/11:46 pm IST

अंबिकापुर : एक तरफ प्रदेश सरकार किसानों को ऋण मुक्त करने का अभियान चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अंबिकापुर में फर्जीवाड़े के तहत किसानों के नाम पर फर्जी ऋण बांटे जा रहे हैं, और उन्हे कर्जदार बनाया जा रहा। उधर भोले भाले किसानों को इसकी भनक तक नहीं। आईबीसी 24 के एक ऐसे ही खुलासे के बाद हड़कम्प है। आखिर क्या है पूरा मामला एक रिपोर्ट..

Read more :  अब हिंदू-उर्दू पर नई लड़ाई! नाम परिवर्तन के बाद अब शब्द परिवर्तन, जनता को कितनी रास आएगी शब्द परिवर्तन की कवायद? 

चांदो का रहने वाला कैलाश जिसके पास न तो एक डिसमिल जमीन है और न ही ये खेती करता है लेकिन लखनपुर की चांदो समिति ने इसके नाम पर 16 लाख का ऋण पास कर दिया है, जबकि कैलाश को इसकी जानकारी तक नहीं और न ही उसने इसके लिए कोई आवेदन दिया था। कैलाश को इसकी जानकारी तब लगी, जब उसने बैंक पासबुक प्रिंट कराया, जिसमें लोन जारी होने के साथ ही राशि अलग- अलग खातों में ट्रांसफर भी कर दी गई है। कैलाश अकेला ऐसा किसान नहीं बल्कि तालिब को भी खाद के नाम पर 90 हजार का लोन बिना आवेदन किये जारी कर दिया गया है। अब इन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर लोन की राशि जमा कैसे होगी।

Read more : वित्तीय प्रबंधन पर वार-पलटवार। बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज! 

ये फर्जीवाड़ा किया गया है लखनपुर के चांदो समिति में जहां किसानों के नाम पर फर्जी लोन न सिर्फ बांटे गए बल्कि दूसरे खातों में राशि ट्रांसफर भी कर दी गई। आरोप है कि समिति प्रबंधक सुमित वर्मा ने ये फर्जीवाड़ा किया। ऐसे में किसान अब इसकी शिकायत प्रशासन से करने की बात कह रहे हैं। इधर आईबीसी 24 के खुलासे के बाद कलेक्टर संजीव झा भी ये कह रहे हैं कि इस तरह की कोई शिकायत उन तक नहीं पहुंची है लेकिन मामला गंभीर है,जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी

Read more : मुंबई इंडियंस ने हार्दिक पंड्या को नहीं किया रिटेन, सोशल मीडिया में शेयर किया इमोशनल वीडियो 

एक तरफ जहां किसानों की मांग के बाद भी उन्हें लोन के लिए दफ्तरों के चक्कर लगवाए जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले में न सिर्फ फर्जी लोन बांटकर दर्जनभर किसानों को लाखों का ऋणी बनाया गया, बल्कि अब किसान खुद को कर्जदार पाकर काफी चिंतित भी नजर आ रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि इस मामले में किस तरह की जांच और कार्रवाई हो पाती है।

 

 
Flowers