Ghadi Wale Baba in Ujjain: इंद्रेश सूर्यवंशी, उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित सगस भैरव मंदिर, जिसे घड़ी वाले बाबा के नाम से जाना जाता है, अनूठी आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बाबा से प्रार्थना करते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे घड़ी चढ़ाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
शिप्रा नदी के किनारे स्थित है मंदिर
हजारों घड़ियों से सजा अनोखा बरगद का पेड़ उन्हेल से महिदपुर रोड के बीच स्थित गुराड़िया सांगा गांव में शिप्रा नदी के किनारे यह मंदिर स्थित है। इसकी खासियत मंदिर परिसर में खड़ा एक विशाल बरगद का पेड़ है, जिसकी शाखाओं पर हजारों घड़ियां लटकी हुई हैं। इन घड़ियों की टिक-टिक की आवाज मंदिर परिसर में गूंजती रहती है, जो इसे एक अनोखी पहचान देती है। घड़ी चढ़ाने से जुड़ी मान्यता श्रद्धालुओं का विश्वास है कि घड़ी वाले बाबा के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं। जब किसी की इच्छा पूरी हो जाती है, तो वह बाबा को घड़ी अर्पित करता है।
दूर-दूर से पहुंचते हैं श्रद्धालु
मंदिर में इतनी घड़ियां चढ़ाई जा चुकी हैं कि अब लोग उन्हें बरगद के पेड़ की शाखाओं पर बांधने लगे हैं। घड़ी वाले बाबा की ख्याति अब पूरे देश में फैल चुकी है। विभिन्न राज्यों से भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और जब उनकी प्रार्थना सफल हो जाती है, तो वे घड़ी चढ़ाने की परंपरा निभाते हैं। यह अनोखी आस्था और परंपरा मंदिर को विशेष पहचान दिला रही है।