Mahakal Bhasma Aarti New Rule : महाकाल आरती में RFID बेंड पहनना होगा अनिवार्य.. जल्द किया जाएगा नियम लागू, जानें इससे क्या होगा फायदा

Mahakal Bhasma Aarti New Rule : भस्म आरती में प्रवेश के लिए अब सभी भक्तों को अपने हाथों की कलाई पर RFID बेंड पहनना अनिवार्य होगा।

Mahakal Bhasma Aarti New Rule : महाकाल आरती में RFID बेंड पहनना होगा अनिवार्य.. जल्द किया जाएगा नियम लागू, जानें इससे क्या होगा फायदा

Mahakal Bhasma Aarti New Rule

Modified Date: October 26, 2024 / 02:01 pm IST
Published Date: October 26, 2024 2:01 pm IST

उज्जैन। Mahakal Bhasma Aarti New Rule : महाकाल मंदिर की रोज सुबह होने वाली भस्म आरती में प्रवेश के लिए अब सभी भक्तों को अपने हाथों की कलाई पर RFID बेंड पहनना अनिवार्य होगा, महाकाल मंदिर समिति इसे जल्द लागू करने जा रही है। इससे महाकाल मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक तो लगेगी ही साथ ही ये भी पता होगा कि कितने भक्तों को अनुमति दी गई है और कितने ने प्रवेश किया है। महाकाल मंदिर में अब जल्द ही आधुनिक तरीके अपना कर महाकाल के भक्तों को प्रवेश मिलेगा। ये ठीक वैसा ही होगा जैसे कई बड़े कंसर्ट, पब और बड़े स्टेज शो में लोगो की इंट्री के समय कलाई पर RFID बेंड बाँधा जाता है। महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि इसे जल्द शुरू कर दिया जायेगा। भस्म आरती में टिकट दिखाने के बाद सभी प्रमुख गेट पर इसकी सुविधा होगी। साथ ही सभी भक्तों को भस्म आरती के दौरान इससे पहनना अनिवार्य होगा। इसी से प्रवेश मिलेगा।

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धाकड़ ने बताया कि इससे बार बार अनुमति चेक करने, फर्जी रूप प्रवेश करने वालो पर लगाम लगेगी। ऐसे काम करेगा RFID बेंड-रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID बेंड) पूरी तरह चिप प्रोसेस पर काम करता है। जिसमें श्रद्धालु की जानकारी को फील किया जायेगा। जब श्रद्धालु अपने ऑनलाइन या ऑफ़लाइन टिकट परमिशन को लेकर मंदिर के अंदर प्रवेश करेग तो उससे पहले एक काउंटर पर बार कोड स्केन कर श्रद्धालु को कलाई पर बांधने के लिए एक बेंड दिया जायेगा। जिसमे उस श्रद्धालु की पूरी डिटेल फील की होगी। उस श्रद्धालु को भस्म आरती में प्रवेश से लेकर भस्म आरती खत्म होने तक अपनी कलाई पर RFID बेंड को बांधकर रखना होगा। आरती खत्म होने के बाद मंदिर समिति के कर्मचारियों को निर्धारित काउंटर पर इसे जमा भी करना होगा। RFID बेंड से ही गेट खुलेंगे।

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महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि शुरआत में इसे प्रायोगिक रूप से लागू कर रहे है। इसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर फ्लिप बेरियर लगाये जायेंगे। उससे इन RFID बेंड को जोड़ा जायगा। नई तकनीक का इस्तेमाल कर एयरपोर्ट जैसी सुविधा भी मिल सकेगी जिसके तहत RFID बेंड को पहनकर आने वाले भक्तों के लिए फिल्प बेरियर ऑटोमेटिक खुल जाएंगे। ये फायदा मिलेगा-आधुनिक तरीके से भक्तों को इंट्री अगले एक या दो हफ्तों में शुरू कर दी जायेगी। इसके लिए इंदौर की एक कम्पनी को टेंडर दिया गया है। RFID रिस्टबैंड के उपयोग से श्रद्धालुओं की लगने वाली लम्बी लाइन कम हो जायेगी, जांच जल्द पूरी होने से भक्तों को ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रहना होगा,बार बार स्केनर या अनुमति दिखाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, एक घंटे में 1000 श्रद्धलुओं की स्केनिंग हो सकेगी। यूज एन्ड थ्रो वाले बेंड पर विचार- कम्पनी इसे प्राथमिक रूप से अभी तैयार कर रही है।

 

महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि अभी इसमें दो विचार है कि यूज एन्ड थ्रो वाला बनवाए या फिर परमानेंट वाला। दरअसल परमानेंट में दिक्कत ये भी आ सकती है कि कुछ श्रद्धालु इन बेंड को अपने साथ ले जा सकते है। जिसके चलते मंदिर समिति को बार बार नए बनवाने होंगे। या फिर यूज एन्ड थ्रो में भस्म आरती खत्म होने के बाद बेंड अनुपयोगी हो जाये।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years