Scindia on Rahul Gandhi: राहुल गांधी के इस बयान पर भड़के केंद्रीय मंत्री सिंधिया, नेता प्रतिपक्ष को दे दी इतिहास पढ़कर बयानबाजी करने की नसीहत
राहुल गांधी के इस बयान पर भड़के केंद्रीय मंत्री सिंधिया, Union Minister Jyotiraditya Scindia got angry at Rahul Gandhi for making statement on issue of constitution
Scindia on Rahul Gandhi
भोपालः Scindia on Rahul Gandhi मध्यप्रदेश के महू में आयोजित जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी को इतिहास पढ़कर बयानबाजी करने की नसीहत दे डाली।
Scindia on Rahul Gandhi दरअसल, संविधान से पहले याद रखिए, आजादी से पहले इस देश में गरीबों के कोई अधिकार नहीं थे। दलितों के कोई अधिकार नहीं, पिछडों के कोई अधिकार नहीं थे, आदिवासियों के कोई अधिकार नहीं थे। अधिकार सिर्फ महाराजा, राजा के थे। वो बदलाव आजादी के दिन आया था। आपको जमीन दी गई, जमीन का हक दिया गया, अधिकार दिए गए। राहुल के इस बयान पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने एक्स पर लिखा कि सिंधिया ने लिखा कि संविधान को अपनी ‘पॉकेट डायरी’ समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है। सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं कि इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी।
उन्होंने कहा कि ये भूल गये हैं कि बड़ौदा महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी। छत्रपति साहूजी महाराज ने 1902 में पहली बार देश के बहुजनों को अपनी शासन व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की बुनियाद रखी थी। पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर- चंबल में शिक्षा और रोजगार के केंद्र खुलवाये थे। वह तानाशाही विचारधारा को जन्म देने वाली कांग्रेस थी जिन्होंने दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया। राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ें, फिर बयानबाजी करें!
संविधान को अपनी ‘पॉकेट डायरी’ समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है। सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं की इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास… pic.twitter.com/bOsF5PA7EQ
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) January 27, 2025

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