PMFBY: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल बीमा कंपनियों की लगाई क्लास, बोले दो-पांच रुपए क्लेम देना किसानों के साथ मजाक

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी बातों पर मैं गहराई में जाउंगा, फसल बीमा योजना कोई मजाक नहीं है। ये मजाक मैं नहीं चलने दूंगा।

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  • Publish Date - November 3, 2025 / 10:29 PM IST,
    Updated On - November 3, 2025 / 10:32 PM IST

नईदिल्ली : PMFBY, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में मीटिंग लेकर फसल बीमा करने वाली कंपनियों की जमकर क्लास लगाई है। बताया जा रहा है कि किसानों की शिकायत पर दिल्ली में की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा साफ तौर पर कहा है​ कि दो-पांच रुपए क्लेम मिलना किसानों के साथ भद्दा मजाक है।

मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सहित देश भर से किसानों ने फसल बीमा कंपनियों की शिकायत की थी। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश जारी किए हैं। कंपनियों के द्वारा दो पांच रुपए क्लेम के तौर पर देने से पीएम फसल बीमा योजना की बदनामी हुई है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बैठक में महाराष्ट्र के कुछ किसानों को भी वर्चुअल जोड़कर गहराई से सीधे उनकी बात सुनी और अधिकारियों से इसके बारे में जवाब मांगा। शिवराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि हम किसानों को किसी भी हालत में परेशान नहीं होने देंगे। 1 रु., 3 रु., 5 रु. या 21 रु. का फसल बीमा क्लेम मिलना किसानों के साथ मजाक है, सरकार ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने इस संबंध में पूरी जांच के आदेश दिए, साथ ही किसानों के हित में बीमा कंपनियों एवं अफसरों को सख्त निर्देश दिए।

किसानों को क्लेम जल्दी और एक साथ

कृषि मंत्री ने कहा, किसानों को क्लेम जल्दी और एक साथ मिलना चाहिए तथा क्षति का आकलन सटीक प्रणाली से होना चाहिए, इसके लिए शिवराज सिंह ने योजना के प्रावधानों में आवश्यक होने पर बदलाव कर विसंगतियां दूर करने के निर्देश भी अफसरों को दिए।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र के प्रवास के दौरान सीहोर जिले के किसानों से मिली शिकायतों को लेकर काफी गंभीर नजर आए। साथ ही महाराष्ट्र के किसानों को नाममात्र की क्लेम राशि मिलने की बातों को लेकर भी चिंतित थे, इसलिए वे सोमवार सुबह विमान से दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे कृषि भवन स्थित मंत्रालय पहुंचे और सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े सारे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सभी बीमा कंपनियों के उच्चाधिकारियों को भी उन्होंने फौरन तलब किया।

केंद्रीय मंत्री ने किसानों की ओर से उठाए सवाल

शिवराज सिंह ने बैठक में कहा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, उनकी फसलों के प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने की स्थिति में सुरक्षा कवच के रूप में वरदान की तरह है, लेकिन साथ ही कुछ चीजें ऐसी हुई हैं कि जिससे इस महत्वपूर्ण योजना की बदनामी हुई है और मजाक भी उड़ता है तथा प्रोपेगंडा करने का मौका मिलता है। मंत्री ने सीहोर जिले के कुछ किसानों के नाम सहित बैठक में मौजूद अधिकारियों को उदाहरण देते हुए कहा कि इन किसानों को फसल बीमा कराने के बावजूद नुकसान होने पर जीरो लॉस दिखाया गया। वहीं क्लेम मिला 1 रु., एक अन्य किसान का नुकसान दिखाया गया 0.004806 प्रतिशत, केंद्रीय मंत्री ने किसानों की ओर से सवाल उठाया कि ये कौन-सा तरीका है क्षति मापने का। और, क्लेम पेमेंट भी 1 रु. मिला।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी बातों पर मैं गहराई में जाउंगा, फसल बीमा योजना कोई मजाक नहीं है। ये मजाक मैं नहीं चलने दूंगा। उन्होंने सीहोर कलेक्टर को भी बैठक से वर्चुअल जोड़ने का निर्देश देकर उनसे पूरी जानकारी ली और दिल्ली के अफसरों व कंपनी प्रतिनिधियों से सवाल किए।

फील्ड में जाकर पूरी जांच करने का आदेश

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिली शिकायतों पर इस तरह के सभी मामलों की फील्ड में जाकर पूरी जांच करने का आदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ को दिया और कहा कि ये पड़ताल की जाए कि 1 रु., 2 रु., 5 रु. क्लेम पेमेंट क्यों मिला है, वहीं बीमित किसानों के साथ ही स्थानीय कलेक्टर से भी बात की जाए, ताकि वास्तविकता सामने आएं। इसके अलावा, क्षति के आकलन का रिमोट सेंसिग का जो आधार है, उसमें प्रमाणिकता कितनी है, यह वैज्ञानिक तरीके से जांच की जाए तथा गाइड लाइन में भी बहुत कम राशि के लिए बीमा होने जैसे प्रावधान का परीक्षण कर आवश्यकतानुसार इसे रिवाइज करें। उन्होंने कहा कि किसानों को क्लेम मिलने में देर नहीं लगना चाहिए, साथ ही शिवराज सिंह ने बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिया कि नुकसान के सर्वे के समय उनका प्रतिनिधि भी जरूर उपस्थित रहना चाहिए, ताकि कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं व किसान को वास्तविक क्लेम मिल सकें।

बैठक में शिवराज सिंह ने कहा कि सभी राज्यों से समन्वय कर राज्यांश राशि समय पर जमा करवाई जाए, ताकि फसलों के नुकसान की स्थिति में पीड़ित किसानों को उनकी क्लेम राशि समय पर मिल सकें। वहीं जो राज्य ढिलाई बरत रहे हैं, उनसे 12 प्रतिशत ब्याज वसूला जाए, जैसा कि केंद्र ने किसानों के हित में बड़ा प्रावधान किया है।

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