‘रेपिस्टों को फांसी दो और चील-कौओं को नोंच-नोंच कर खाने दो.. भाड़ में जाए मानवाधिकार’… मंत्री ऊषा ठाकुर का बड़ा बयान

Usha Thakur controversial statement 'रेपिस्टों को फांसी दो और चील-कौओं नोंच-नोंच कर खाने दो.. भाड़ में जाए मानवाधिकार'... मंत्री ऊषा ठाकुर का बड़ा बयान

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  • Publish Date - November 14, 2022 / 07:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

Usha Thakur controversial statement: हमेशा अपने बयानों से चर्चा में बनी रहने वाली मध्य प्रदेश की कैबीनेट मंत्री उषा ठाकुर ने एक बार फिर विविदित बयान दिया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। मंत्री उषा ठाकुर ने रेपिस्टों को लेकर ये बयान दिया। उन्होंने दुष्कर्म पीड़ितों के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात कही है। उनके लिए फांसी की मांग की है। मंत्री ने कहा कि रेप के आरोपियों को बीच चौराहे में लटका देना चाहिए। उनका अंतिम संस्कार भी नहीं करना चाहिए।

मानव अधिकार जाए भाड़ में

Usha Thakur controversial statement: साथ ही साथ मंत्री उषा ठाकुर ने मानव अधिकार आयोग को लेकर भी टिप्पणी की। मंत्री ने कहा कि बेटियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलें। अपराधी ने अपराध तो समाज के सामने किया और उसे फांसी कहां मिली जेल में एकांत में जाकर किसी को पता ही नहीं किसी के मन में भय पैदा ही नहीं हुआ कि इसको फांसी कब हो गई, लोगों की भी याददाश्त कमजोर रहती है वह घटना को भूल जाते हैं।

चील कौवे को खाने दो रेपिस्टों के शव

Usha Thakur controversial statement: एक निजी कार्यक्रम में पहुंची थी मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि मैं यह चाहती हुं कि बेटियों के बलात्कारियों को चौराहे पर फांसी दे दो और उनका अंतिम संस्कार भी नहीं होने देंगे, लटका रहने दो उसे फांसी पर, चील कौवे नोच नोच कर खा जाएं और जब सब लोग इस दृश्य को देखेंगे तो फिर दोबारा बेटियों को हाथ लगाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाएगा। क्या आप लोग हस्ताक्षर अभियान के लिए तैयार हैं।

हस्ताक्षर अभियान में जुड़ने की अपील

Usha Thakur controversial statement: यहां उन्होंने हस्ताक्षर अभियान से जुड़ने के लिए अपील करते हुए कहा कि हर बेटी हर मां उस पत्रक पर नाम पता मोबाइल नंबर मतदाता क्रमांक लिख कर हस्ताक्षर करेंगी, उसमें यह भी लिख कर हस्ताक्षर करने की मुख्यमंत्री अपराध तो यह समाज में करते हैं और फांसी इन्हें एकांत में हो जाती है इनके दिल दिमाग में जरा भी शक नहीं है। इनको चौराहों पर फांसी दे दो और इनका अंतिम संस्कार मत होने दो, भाड़ में जाए मानव अधिकार आयोग, ऐसे नर पिशाचों का कोई मानव अधिकार नहीं हो सकता है।

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