Water Crisis : बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग..! भीषण गर्मी में इस गांव पर मंडराया पानी का संकट, महिलाओं की उड़ गई रातों की नींद

Vidisha Water Crisis: महिलाएं रात्रि जागरण कर हेड पंप पर लंबी-लंबी कतार लगाने को मजबूर है

Vidisha Water Crisis: विदिशा। विदिशा में आदिवासी परिवारों के उत्थान के लिए चलाई जा रही जन मन योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो सकती है लेकिन सरकारी तंत्र की नाकामी ने वरदान साबित होने वाली इस महत्वपूर्ण योजना को बर्बाद कर दिया। केंद्र सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना महज कागजों तक सीमित बनकर रह गई है।  हम बात कर रहे हैं सिरोंज विकासखंड के ग्राम पंचायत छापू के मनहार टपरा आदिवासी बाहुल्य इलाके की जहां पीने के लिए पानी नहीं है। आदिवासी परिवार की महिलाएं रात्रि जागरण कर हेड पंप पर लंबी-लंबी कतार लगाने को मजबूर है क्योंकि लगभग 500 लोगों की बस्ती में मात्र एक हेडपंप चालू है जिसे लगातार चलाने के बाद बूंद बूंद पानी मिल पाता है।

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Vidisha Water Crisis:  यहां कहने के लिए नल जल योजना के नाम पर पैसा तो खर्च किया गया है लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया l सरकार भले ही विकास के तमाम बादे कर रही हो लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ ओर ही है सबका साथ सबका विकास का नारा भी इस बस्ती में खड़े होकर सुनना कुछ अजीब ही लगता है l क्योंकि यह आदिवासी परिवार आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित है यह आदिवासी परिवार आज भी झुग्गी झोपड़ियो में निवास कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर है l इस मामले में विदिशा कलेक्टर बुद्देश कुमार वेद का कहना है की विदिशा जिले के 1534 गांव में नल जल योजना कार्यरत है l एक निश्चित समय के बाद हर घर में नल से जल पहुंचेगा जिसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।

 

 

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