कहां गए विधायक जी? ग्रामीणों ने लगाए गुमशुदा के पोस्टर, थाने में होगी शिकायत दर्ज, जानें क्या है पूरा माजरा

Missing MLA's poster: कहां गए विधायक जी? ग्रामीणों ने लगाए गुमशुदा के पोस्टर, थाने में होगी शिकायत दर्ज, जानें क्या है पूरा मांजरा

कहां गए विधायक जी? ग्रामीणों ने लगाए गुमशुदा के पोस्टर, थाने में होगी शिकायत दर्ज, जानें क्या है पूरा माजरा

Missing MLA's poster

Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: October 29, 2022 11:30 am IST

Missing MLA’s poster: खरगोन। खरगोन जिले के आदिवासी भगवानपुरा तहसील के जूनाबिलवा गांव के ग्रामीणों ने धुलकोट से जूना बिलवा तक 7 किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने के चलते अनूठा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान आदिवासी ग्रामीणों और बच्चों ने हाथो में खरगोन के बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और भगवानपुरा के निर्दलीय विधायक केदार डाबर के गुमशुदा के पोस्टर लगाकर गांव में रैली निकाली।

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जानें पूरा मामला

Missing MLA’s poster: दरअसल यह पूरा मामला सड़क निर्माण से जुड़ा हुआ है। बता दें कि ग्रामीण लंबे समय से धूलकोट से खारक डैम तक 7 किलोमीटर तक पक्के रोड निर्माण की मांग कर रहे है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी आदिवासी ग्रामीण सड़क की बांट जोह रहे है। ग्रामीण पिछले कई समय से सड़क निर्माण की मांग को लेकर सांसद,विधायक से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों तक चक्कर काट चुके है। लेकिन बरसात के बाद अब तक रोड निर्माण नहीं हुआ है। जबकि यहां पर क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और क्षेत्रीय विधायक केदार डाबर ने भी सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक गांव में जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे हैं।

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लगाए गुमशुदगी के पोस्टर

Missing MLA’s poster: जिसके कारण अब ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों के गुमशुदा के पोस्टर लगाना पड़े। वहीं ग्रामीण दयाराम आवाज ने कहा कि अगर 2 से 3 दिनों में सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं होता है तो जनप्रतिनिधियों की गुमशुदा की रिपोर्ट थाने में जाकर दर्ज करवाएंगे। ग्रामीणों ने कई बार खरगोन जिला मुख्यालय पर भी सड़क निर्माण की मांग की है लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही। अधिकारी सिर्फ उन्हें आश्वासन दे रहा है। गांव में पक्की सड़क नही होने से गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में ग्रामीणों को यहां बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

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