शह मात The Big Debate: महाकाल की सवारी पर अवकाश..विपक्ष को नहीं आया रास? क्या स्कूलों की छुट्टी धार्मिक वजहों से हुई? देखिए पूरी रिपोर्ट

School Will Open on Sunday in Ujjain: महाकाल की सवारी पर अवकाश..विपक्ष को नहीं आया रास? क्या स्कूलों की छुट्टी धार्मिक वजह से हुई? देखिए पूरी रिपोर्ट

School Will Open on Sunday in Ujjain | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • उज्जैन कलेक्टर के आदेश पर कांग्रेस और मुस्लिम स्कॉलर ने विरोध जताया
  • बीजेपी ने कांग्रेस पर सनातन विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया
  • स्कूलों की छुट्टी सिर्फ व्यवस्था सुधारने और बच्चों की सुरक्षा के लिए थी

भोपाल: School Will Open on Sunday in Ujjain जैसी नजर, वैसा नजरिया, जहां हो सकता है संवाद, वहीं हो रहा विवाद, सावन का महीना उज्जैन में महाकाल की शाही सवारी की तैयारी और इस तैयारी के मद्देनजर कलेक्टर ने स्कूली बच्चों की छुट्टियों का एलान किया। सिक्वेंस में देखें तो ये सब नॉर्मल लगता है। क्योंकि यही तो होता रहा है हर साल, लेकिन जब देखने का चश्मा बदल जाए, तो विवाद के नए भाले अपने आप ही तन जाते हैं। इस बार यही हुआ। छुट्टियों पर सवाल उठ गए कि हिंदू पर्व पर छुट्टी पर मुस्लिम त्योहारों पर क्यों ऐसे फैसले नहीं। हालांकि स्कूलों की छुट्टी शहर के इंतेजाम को दुरुस्त रखने के मद्देनजर किया गया। एक तरह से वो लॉ एंड ऑर्डर का मामला है। पर बन गया सियासी विवाद। वो भी सांप्रदायिक तड़के के साथ। इस कदर हर मुद्दे पर, हर फैसले पर अगर निर्वाचित प्रतिनिधि हिंदू-मुसलमान करते रहें, तो कैसे चलेगी ये लोकशाही, कैसे चलेगा सिस्टम और कैसे चलेगा देश?

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School Will Open on Sunday in Ujjain महाकाल की सवारी के लिए उज्जैन कलेक्टर का ये आदेश कांग्रेस को हजम नहीं हो रहा। महाकाल की शाही सवारी के दिन स्कूलों की छुट्टी पर कांग्रेस को ऐतराज है। कांग्रेस इसे अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी बता रही है। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि मुहर्रम और बकरीद पर सरकार स्कूलों की छुट्टियां क्यों नहीं करती। क्यों नहीं सिखों के त्योहारों पर छुट्टियां की जाती हैं। विधायक आरिफ मसूद तो ये तक कह गए कि कलेक्टर ऐसा आदेश निकाल कर CM को खुश करना चाहते हैं। उधर कांग्रेस के स्टैंड पर मुस्लिम स्कॉलर्स भी साथ खड़े हैं। मुस्लिम स्कॉलर तौकीर निजामी भी बीजेपी सरकार पर बरसे हैं तौकीर निजामी का कहना है कि रविवार को क्लास लगाना संविधान के खिलाफ है।

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जाहिर है कांग्रेस बीजेपी सरकार के हर फैसले को सियासी चश्मे से देखती है। जबकि उज्जैन प्रशासन ने ये फैसला स्कूली छात्रों की सहूलियत के हिसाब से लिया है। कलेक्टर उज्जैन ने सावन के महीनों में निकलने वाली महाकाल की सवारी के लिए 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त और 11 अगस्त के दिन स्कूलों की छुट्टी करने के निर्देश इसलिए दिए हैं..ताकि बच्चों की पढ़ाई में खलल ना पड़े। जबकि प्रशासन ने सोमवार के बजाए रविवार को स्कूल लगाने के भी निर्देश दिए हैं।

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जाहिर है जब प्रशासन के आदेश पर सियासत हो रही है तो मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने भी जवाब दिया है। सारंग ने कहा कि कांग्रेस को तो सनातनी त्योहारों के विरोध करने की पुरानी आदत है। वहीं रामेश्वर शर्मा ने पूरे कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए ये कह दिया कि कांग्रेस को जब वोट लेना होता है महादेव की आरती करती है। काम निकल जाता है तो सवाल खड़े करती है।

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फिलहाल महाकाल की सवारी के दिन होने वाली छुट्टियों पर मध्यप्रदेश की सियासत गरम है। कांग्रेस इस मसले पर विवाद खड़ा करके सेल्फ गोल कर रही है। कांग्रेस ये जानती है कि इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। बावजूद इसके कांग्रेस सरकार के हर फैसले का विरोध करने से परहेज नहीं करती। अब बीजेपी..कांग्रेस की तरफ से खड़े किए गए विवाद को हवा देकर सियासी माइलेज लेने की कोशिश में जुट गई है।

उज्जैन में महाकाल सवारी पर स्कूल की छुट्टी क्यों की गई?

महाकाल सवारी के दौरान शहर में भारी भीड़, ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था के चलते बच्चों की सहूलियत और सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्कूल बंद किए गए।

क्या मुस्लिम त्योहारों पर भी इसी तरह की छुट्टियां मिलती हैं?

आमतौर पर मुस्लिम त्योहारों जैसे बकरीद, मुहर्रम आदि पर छुट्टी होती है, लेकिन रूट व्यवस्थित करने के लिए छुट्टी का निर्णय प्रशासनिक आवश्यकता पर आधारित होता है।

उज्जैन स्कूल छुट्टी विवाद क्या सांप्रदायिक मुद्दा है?

कांग्रेस और कुछ स्कॉलर्स इसे धार्मिक भेदभाव का मुद्दा मानते हैं, जबकि प्रशासन इसे सिर्फ व्यवस्था से जुड़ा फैसला बता रहा है।