IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: ‘पाश्चात्य सभ्यताओं के कारण हम भटक चुके थे, लेकिन हम जल्द अपनी सभ्यता में लौटेंगे’ संत अवधेश पुरी ने कही ये बात

'पाश्चात्य सभ्यताओं के कारण हम भटक चुके थे, लेकिन हम जल्द अपनी सभ्यता में लौटेंगे' We have been led astray by western civilizations, but we will soon return to our civilization

IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: ‘पाश्चात्य सभ्यताओं के कारण हम भटक चुके थे, लेकिन हम जल्द अपनी सभ्यता में लौटेंगे’ संत अवधेश पुरी ने कही ये बात

IBC24 MAHAKUMBH CONCLAVE 2025 | Source : IBC24

Modified Date: February 10, 2025 / 12:48 pm IST
Published Date: February 10, 2025 11:25 am IST

उज्जैन। IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 हमेशा से अपने जनहित के मुद्दों के लिए पहचाना जाता है। पिछले 16 साल से लगातार जनता की आवाज को बुलंद करते हुए IBC24 ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारी प्राथमिकताओं में केवल खबरें ही नहीं.. धार्मिक और सामाजिक मुद्दे भी है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में IBC24 आज अपना खास कार्यक्रम महाकुंभ संवाद आयोजित कर रहा है, जिसमें कई महंत और अफसर शामिल हो रहे हैं।

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IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 कार्यक्रम के तीसरे सेशन ‘धर्म.. धाम.. ध्वजवाहक’ में अध्यात्मिक गुरु ऋतेश्वर महाराज, स्वास्तिक पीठाधीश्वर अवधेश पुरी महराज और पं. आनंद शुक्ला, विद्याधाम आचार्य निरंजनी अखाड़ा पं. आनंद शुक्ला शामिल हुए। इस दौरान संत अवधेश पुरी ने भारत के अध्यात्मिक केंद्र बनने के सवाल पर कहा कि इसका अगर किसी को श्रेय जाता है तो मोदी जी को जाता है। योगी जी को जाता है। दोनों ने भारत की आत्मा को पहचाना। दोनों नेता भारतीय सनातन संस्कृति को जीते हैं। इससे पहले की सरकारें विदेशी विचारधारा से भारतीयों को चलाना चाहती थी।

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उन्होनें योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि संत हमेशा दूसरों की भलाई के लिए सोचता है। योगी जी तो खुद संत हैं। अगर परोपकार की भावना से किसी काम को किया जाए तो वह हमेशा सफल होता है। उनहोंने कहा कि पाश्चात्य सभ्यताओं के कारण हम भटक चुके थे, लेकिन हम जल्द अपनी सभ्यता में लौटेंगे। महाकुंभ के आयोजन में शासन-प्रशासन के योगदान के सवाल पर स्वास्तिक पीठाधीश्वर अवधेश पुरी महराज ने कहा कि भारत की धरती पर आने के लिए देवता भी तरसते हैं। भारत वह पुण्यभूमि है जहां आने के बाद एक दुरात्मा भी पुण्यात्मा बन जाता है। यहां अनेक दिव्यताओं और भव्यताओं के दर्शन होते हैं। प्रयागराज में 40 से 50 करोड़ लोग एक ही जगह पर एकत्रित होना बड़ी बात है। मुझे नहीं लगता है कि दुनिया के किसी और जगह पर ऐसा हुआ होगा।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।