जिला प्रशासन खुला ऑफर.. अगर चाहिए हथियारों का लाइसेंस तो करना पड़ेगा ये काम

जिला प्रशासन खुला ऑफर.. अगर चाहिए हथियारों का लाइसेंस तो करना पड़ेगा ये कामः Weapons license will available for construction of lake in Madhya Pradesh

जिला प्रशासन खुला ऑफर.. अगर चाहिए हथियारों का लाइसेंस तो करना पड़ेगा ये काम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: April 18, 2022 11:58 pm IST

ग्वालियरः मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में सरोवर निर्माण को गति देने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की है। जिसके तहत सरोवर निर्माण में किसी भी तरह का सहयोग करने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर हथियार का लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए आज और कल यानी 18 और 19 अप्रैल को कलेक्ट्रेट में अपना नाम दर्ज कराना होगा

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अमृत महोत्सव के तहत मध्यप्रदेश में 5,352 अमृत सरोवरों के निर्माण का काम, अगले एक साल में पूरा करना है। हाल ही में CM शिवराज सिंह चौहान ने जलाभिषेक अभियान में MP के 51 जिलों में बनाए जाने वाले अमृत सरोवरों के निर्माण का शुभारंभ किया था। MP की बात करें तो जबलपुर और मुरैना जिले में 237, धार में 192, सिवनी में 140, रीवा में 137 और नर्मदापुरम में 132, राजगढ़ में 120 और छिंदवाड़ा में 124 सरोवर बनाए जाएंगे।

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हालांकि जिला प्रशासन के इस फैसले पर कांग्रेस ने शासन और प्रशासन की नीति पर सवाल खड़े किए हैं। तो सांसद विजय शेजवलकर का कहना है कि लाइसेंसी हथियार पहले भी दिए जाते थे..सहयोग करने वालों को दिए जाने पर क्या आपत्ति है?

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बता दें कि ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा है। जिले में लाइसेंसी हथियार की संख्या 34 हजार से भी अधिक है। इससे पहले ग्वालियर के तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी 11 पौधे लगाने पर लाइसेंसी हथियार देने का नवाचार कर चुके हैं। और अब सरोवर निर्माण में सहयोग पर लाइसेंसी हथियार देने का फैसले से सरोवर निर्माण में गति तो मिलेगी लेकिन साथ ही जिले में लाइंसेस हथियारों की संख्या में भी इजाफा होगा।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।