Which party will Brahmin Samaj support in assembly elections to be held in December?

चुनावी सभाओं का आगाज.. सधेंगे जातीय समाज? ब्राह्मण समाज की मांगों पर सरकार क्या करेगी, 2023 में किसके साथ है ये वर्ग?

चुनावी सभाओं का आगाज.. सधेंगे जातीय समाज? Which party will Brahmin Samaj support in assembly elections to be held in December?

Edited By :   Modified Date:  June 4, 2023 / 11:42 PM IST, Published Date : June 4, 2023/11:42 pm IST

विवेक पटैया/भोपाल: वैसे तो राजनीतिक दल सीना ठोक कर कहते हैं कि वो जाति धर्म की राजनीति नहीं करते हैं, लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही वही राजनीतिक दल जातिगत समीकरणों को साधने में भी जुट जाते हैं। इसी मौके की नजाकत को भांपते हुए जातियों ने भी गोलबंदी करना शुरू कर दिया है। तेली-साहू, यादव करणी राजपूत, दलितों, आदिवासियों के बाद आज राजधानी में तीन सम्मेलन हुए। ये सम्मेलन किरार, कल्चुरी और ब्राह्मण समाज का था। तीनों में सीएम शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए तो वहीं कांग्रेस के नेता भी शामिल हुए।

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दरअसल मध्यप्रदेश चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। साल के आखिर में बस चुनाव होने वाले हैं। लिहाजा राजनैतिक दलों के साथ मध्यप्रदेश में अब अलग अलग समाज और वर्ग भी शक्ति प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भोपाल के जंबूरी मैदान में आज ब्राह्मण समाज के सम्मेलन में प्रदेशभर से ब्राह्मण समाज के लोग शामिल हुए। मंच पर कांग्रेस-बीजेपी के नेता भी मौजूद थे। चुनावी समय में सीएम शिवराज ने ब्राह्मण समाज के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी। साथ ही लव जिहाद को लेकर एक बार फिर सख्ती दिखाई।

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सीएम शिवराज ने लव जिहाद पर सख्ती बरतने की बात कही तो मंच पर मौजूद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी लव जिहाद के बारे में गंभीरता से मंथन करने की बात कही। वहीं मंच पर मौजूद स्वामी सदानंद सरस्वती ने साफ कहा कि ब्राम्हणों के खिलाफ लव जिहाद का षड्यंत्र किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि राम के साथ सीता को नहीं भूलना चाहिए।

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जाहिर सी बात है कि विधानसभा चुनाव को महज पांच महीने का समय बचा है लेकिन अलग अलग सामाजिक संगठनों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए दबाव बढ़ाता जा रहा है वहीं सियासी दल भी सोशल इंजीनियरिंग में लगे है और एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। अलग अलग सामाजिक संगठनों को लेकर पार्टियां बड़े बड़े वादे दावे कर रही है। आज ब्राह्मण समाज के लिए वादों की झड़ी लगा दी गई है। लेकिन क्या इन वादों के साथ ब्राह्मण 2023 की वैतरणी पार करा पाएंगे। इसलिए सवाल यही कि 2023 में ब्राह्मण किसके साथ है।

 

 
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