शह मात The Big Debate: आउटसोर्स कंपनियों के फर्जीवाड़े का दोषी कौन? फर्जी कर्मियों का वेतन किसकी जेब में जा रहा था?
MP News: आउटसोर्स कंपनियों के फर्जीवाड़े का दोषी कौन? फर्जी कर्मियों का वेतन किसकी जेब में जा रहा था?
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- जबलपुर नगर निगम में 90 लाख रुपए मासिक सैलरी चोरी का खुलासा
- 600 आउटसोर्स कर्मचारी फर्जी निकले, ई-अटेंडेंस से पकड़े गए
- कांग्रेस-बीजेपी में भ्रष्टाचार को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप
भोपाल: MP News मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जबलपुर से एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसे जानकर कोई भी दांतों तले अंगुली दबा ले और करप्शन के इस खेल को लेकर सियासी वार-पलटवार भी शुरु हो गया। दरअसल, जबलपुर नगर निगम में तकरीबन 90 लाख रुपए की, मासिक सैलरी की चोरी पकड़ी गई है। ये खुलासा तब हुआ जब निगम में अक्टूबर से फेस रिकग्निशन वाली अटेंडेंस लागू हुई। इसके चलते तकरीबन 600 आउटसोर्स के कर्मचारी अपने आप गायब हो गए जो सालों से कागजी नौकरी के जरिए सैलरी ले रहे थे।
MP News जबलपुर नगर निगम में सरकारी खजाने को चपत लगाने वाली इस बड़ी चोरी के बाद सूबे की सियासत भी गरमा गई। कांग्रेस, बीजेपी पर भ्रष्टाचार को लेकर तीखे आरोप लगा रही है।
कुलमिलाकर जबलपुर नगर निगम में ई अटेंडेंस लागू होने के बाद पकड़ा गया, घोटाला केवल जबलपुर का मामला नहीं है। ये भ्रष्टाचार का विकराल रुप है जो आंखों से भी सुरमा चुरा ले रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि-क्या इससे सरकार की सुशासन वाली छवि पर बट्टा नहीं लग रहा है? सवाल ये भी कि- भ्रष्टाचार के रावण का दहन करने के लिए क्या कोई विशेष अभियान चलाया जाएगा? और क्या आउटसोर्स कंपनियां प्रदेशभर में फर्जीवाड़े का खेल कर रही हैं?

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