शह मात The Big Debate: बयानों वाला बतंगड़..कही निगाहें, कही निशाना! मध्यप्रदेश में दिग्गज नेताओं के बयान में क्यों मची खलबली?
MP News: बयानों वाला बतंगड़..कही निगाहें, कही निशाना! मध्यप्रदेश में दिग्गज नेताओं के बयान में क्यों मची खलबली?
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- भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बिहारियों को लेकर बयान दिया
- नरोत्तम मिश्रा का शेर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना
- कांग्रेस नेता मुकेश नायक की शादी पर टिप्पणी को मर्यादा से जुड़ा सवाल माना गया
भोपाल: MP News कहते हैं कि पहले तौलना चाहिए फिर बोलना चाहिए, लेकिन एमपी के कुछ नेता इन दिनों बोल पहले रहे हैं और बाद में जनता को ये ज़िम्मेदारी दे देते हैं कि वो उसे तौलती रहे। ऐसे ही नेताओं के तीन बयान और तौलिये इसके मायने। भाजपा के वरिष्ठ नेता और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सागर जिले में एक कार्यक्रम में विजयवर्गीय बड़े नेता बनने के टिप्स दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपने नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन की मिसाल देते हुए कह दिया कि बिहार के लोग विनम्र नहीं होते। वहीं दूसरी ओर पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा शेर सुनाया। जिसकी आखिरी लाइन है जिनकी चड्ढियां तक फटी हुई हैं वे हमारी टोपियाँ उछाल रहे हैं।
MP News बयान वीर मात्र भाजपा में ही नहीं हैं। कांग्रेस भी पीछे नहीं है। मीडिया विभाग के प्रमुख मुकेश नायक दीपक जोशी की कांग्रेस नेत्री के साथ शादी की चुटकी किस शैली में ले रहे हैं इसमें उनकी पीड़ा दीपक जोशी की शादी है या कार्यकर्त्ता के कम होने की। ये समझ से परे है।
अब सवाल ये उठता है कि भाजपा में नम्बर टू ओहदे वाले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात के बाद नरोत्तम का ये शेर आख़िर किसे लक्ष्य करके कहा गया है। सवाल कैलाश विजयवर्गीय पर भी कि क्या बिहार के सारे लोग ही विनम्र नहीं हैं और सवाल ये भी कि मुकेश नायक का अपनी एक कार्यकर्त्ता के शादी करने पर “एक लुगाई और ले गओ दीपक जोशी” कहना क्या मर्यादित है। वो भी तब जब इनमें से कोई भी नया नवेला नेता नहीं है बल्कि सभी सुदीर्घ संसदीय अनुभव वाले नेता हैं।

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