MP में साजिश के तार...PFI पर कसेगा शिकंजा! शांत राज्य में क्यों रची जा रही हिंसा फैलाने की साजिश? |Why is there a conspiracy to spread violence in a peaceful state?

MP में साजिश के तार…PFI पर कसेगा शिकंजा! शांत राज्य में क्यों रची जा रही हिंसा फैलाने की साजिश?

MP में साजिश के तार...FPI पर कसेगा सिकंजा!! Why is there a conspiracy to spread violence in a peaceful state?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : September 9, 2021/10:57 pm IST

भोपाल: सिमी के बाद अब कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का खतरा मध्यप्रदेश में बढ़ता जा रहा है, इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इंदौर में चूड़ी वाले कांड के बाद सतर्क हुई खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर PFI आया। सरकार तमाम इनपुट और एविडेंस के आधार पर अब इस संगठन पर बैन लगाने की तैयारी में है। मध्यप्रदेश को PFI से कितना बड़ा खतरा है। सवाल ये भी कि मध्यप्रदेश जैसे शांत राज्य में क्यों रची जा रही हिंसा फैलाने की साजिश ?

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इंदौर के रीगल चौराहे पर 24 अगस्त को हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान ही अल्तमश उपद्रव करके पूरे शहर का माहौल बिगाड़ना चाहता था। लेकिन इसके मंसूबे कामयाब होते इससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला है। अल्तमश के तालिबान और पाकिस्तान से रिश्ते खुलने के बाद जैसे ही खुफिया विभाग में पड़ताल की तो कई खुलासे हुए। सरकार के मुताबिक राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई का खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में पीएफआई के करीब 650 सदस्य सक्रिय हैं। इस संगठन का इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम में नेटवर्क की जानकारी भी मिली है। अलावा इसके पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों के इनपुट भी सुरक्षा एजेंसियों को मिले हैं। इस संगठन ने महिलाओं और कॉलेज के छात्रों को जोड़ने के लिए मुहिम भी चला रखी है। इंटेलीजेंस रिपोर्ट के बाद अब सरकार पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी में है।

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खुफिया विभाग को मिले इनपुट निश्चित ही चिंता का विषय है। सवाल उठता है कि क्या दहशतगर्दों का नया ठिकाना बन रहा है मध्यप्रदेश? क्या सूबे में आसानी से छुप सकते हैं असामाजिक तत्व? आखिर इन लोगों के स्थानीय मददगार कौन है? मध्यप्रदेश जैसे शांत राज्य में क्यों रची जा रही हिंसा फैलाने की साजिश मामला सुरक्षा से जुड़ा है और सवाल बेहद संवेदनशील है लेकिन राजनेताओं को शायद इसकी फ्रिक नहीं, उन्हें तो सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है। इसका ही नतीजा है कि बीजेपी विधायक को ऐसे मामले में कांग्रेस पर कीचड़ उछालते हैं तो कांग्रेस उन्हें इलाज कराने की सलाह देती है।

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दरअसल मध्यप्रदेश में पहले भी सिमी ने अपना नेटवर्क फैलाया था लेकिन सरकार ने उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया अब पीएफआई के तौर पर एक नया नाम प्रदेश में उभरा है जिसे लेकर एक स्पेशल टीम बनाकर पड़ताल की जा रही है।

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