Why power Cut in Madhya Pradesh after Supply 12000 MW?

बिजली गुल…सियासत फुल! 12000 मेगावाट बिजली सप्लाई के बाद भी फूल रही पावर सेक्टर की सांसें?

2000 मेगावाट बिजली सप्लाई के बाद भी सांसें फूल रही पावर सेक्टर की सांसें?Why power Cut in Madhya Pradesh after Supply 12000 MW?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : May 5, 2022/11:41 pm IST

रिपोर्ट- विजेन्द्र पाण्डेय, भोपाल: Why power Cut in Madhya Pradesh मध्य प्रदेश दावा ये करता है कि वो सरप्लस पावर स्टेट है। मार्च में एनटीपीसी से मिलने वाली अपने हिस्से की बिजली सरेंडर करने वाला स्टेट भी है। जब इतना सबकुछ है तो मध्य प्रदेश पावर सेक्टर की सांसे 12 हज़ार मेगावाट बिजली सप्लाई पर क्यों फूल रही है? यही वजह है कि प्रदेश में बिजली और कोयला संकट पर सियासत भी पुरजोर ढंग से गरमाई हुई है, जहां विपक्षी कांग्रेस से बिजली का हिसाब मांग रही है तो सरकार और बीजेपी सफाई दे रही है।

Read More: BJP का बूथ अभियान…कांग्रेस का क्या है प्लान…आखिर भाजपा को क्यों करनी पड़ी छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और किसान मुद्दे पर 2023 के चुनाव की तैयारी?

Why power Cut in Madhya Pradesh मध्यप्रदेश में बिजली संकट के आरोपों और हालात बेहतर होने के सरकारी दावों के बीच ये 3 घटनाएं देखिए। पहला मामला कटनी जिला अस्पताल की है, यहां डेढ़ घंटे तक बिजली कटौती के कारण सोनोग्राफी जैसी कई जांचें बंद रहीं। मरीज स्ट्रैचर पर और उस पर गमछे से हवा करने की मजबूरी और गर्मी से हलाकान ज़मीन पर लेटे बच्चों की बेबसी दिखी। दूसरा मामला नरसिंहपुर की जहां बिजली कटौती से परेशान किसानों ने बिजली कंपनी दफ्तर का घेराव किया और तीसरा मामला जबलपुर में बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन की, यहां फुल्ली एयर कंडीशन्ड तरंग ऑडिटोरियम में संकट को दूर करने ऊर्जा मंत्री और विभागीय अफसरानों का मंथन शुरु हुआ। अब आप समझ ही गए होंगे लेकिन आंकड़ों से भी जानिए कि प्रदेश में बिजली और कोयला संकट के क्या हालात हैं।

Read More: गाजियाबाद के होटल में संदिग्ध हालत में मिली महिला, फटी रह गई सफाई कर्मियों की आंखें जब देखा इस हाल में

एक ओर मंत्रीजी ने बिजली संकट का दोष कुदरत पर मढ़ते दिखे तो बिजली और कोयला संकट में विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिला। कांग्रेस ने सरकार पर कोयला आयात के नाम पर कमीशनबाजी का आरोप भी लगा दिया। हालांकि सत्ता पक्ष बिजली संकट को नकारता रहा।

Read More: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, महासचिव ने थामा ‘आप’ का दामन, कई और बड़े नेता छोड़ सकते हैं पार्टी 

प्रदेश में बिजली संकट पर गहराई सियासत के बीच जबलपुर में जारी ऊर्जा विभाग के मंथन का नतीजा भी देखने लायक होगा। इस मंथन से अमृत निकलेगा या अधिकारी बीते दिनों एनटीपीसी की प्रदेश के हिस्से की 1 हजार मेगावाट बिजली सरेंडर कर देने जैसी गलती से कुछ सीखेंगे ये भी देखना होगा।हालांकि जनता और प्रदेश के पावर सेक्टर को फिलहाल लॉन्ग टर्म की बजाय शॉर्ट टर्म इंतज़ामों और गर्मी के कहर के बीच बिजली कटौती से निज़ात का इंतज़ार है।

Read More: इन ​राशि के लोगों का है अमीर बनने का ज्यादा चांस, ये राशि वाले के हाथ लगेगी मायूसी