Mohan Cabinet Decision
भोपाल: Mohan Cabinet Decision मध्यप्रदेश में अब सरकारी कर्मचारियों की सीमित कैटेगरी होंगी। 10 में से 7 को हटाते हुए अब प्रदेश में सिर्फ 3 प्रकार के सरकारी कर्मचारी। प्रदेश की मोहन कैबिनेट ने फैसले पर मुहर लगा दी। कर्मचारियों ने खुले मन से इसका स्वागत किया, लेकिन विपक्ष ने इस पर भी सवाल उठाए हैं।
Mohan Cabinet Decision मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग कर कर्मचारियों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया। जिसको लेकर अब सियासी शमशीरें खिंच गई हैं। दरअसल, मोहन सरकार ने कर्मचारी संगठनों की मांगों को मानते हुए। नई व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों की दैनिक वेतन भोगी,अंशकालीन,कार्यभारित, स्थायीकर्मी सहित 7 कैटेगरी समाप्त कर दी हैं। अब उन्हें स्थायी कर्मचारी माना जाएगा। साथ ही स्थायी कर्मचारी की तरह ही इन कैटेगरी के कर्मचारियों की सेवा शर्तें, वेतन, पेंशन समान होंगे। अनुुकंपा नियुक्ति का भी प्रावधान है। यानी अब एमपी में नियमित, संविदा और आउटसोर्स जैसी ही श्रेणियां रहेंगी।
सरकार के इस फैसले से कर्मचारी संगठनोें में खासा उत्साह है। सरकार के फैसले का जहां अधिकारी-कर्मचारी संगठन स्वागत कर रहे हैं तो कांग्रेस इसे केेवल शब्दों की जादूगरी बता रही है और कह रही है कि- एक लाइन का आदेश निकालिए, तब मानेंगे कि सरकार सही काम कर रही है।
तो कांग्रेस का पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि- कांग्रेस में केवल बातें करने का कल्चर था। मोहन सरकार हर वादा निभाती है।
कुलमिलाकर सरकार केे इस फैसले के साथ ही स्थायी और अस्थायी कर्मचारी का भेद खत्म हो जाएगा और इससे 5 फ़ीसदी सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा, लेकिन सवाल ये है कि- आखिर कांग्रेस इस फैसले की मंशा पर प्रश्नचिन्ह क्यों लगा रही है। सवाल ये भी कि- क्या मोहन सरकार आने वाले समय में संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को भी स्थायी करेगी?