Number of people lost in Mahakumbh || Image- The Guardian
Number of people lost in Mahakumbh: महाकुंभनगर: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने अपनी दिव्यता और भव्य आयोजन से एक नया इतिहास रचा। महाकुंभ में इस बार 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। संगम के तट पर 144 वर्षों के बाद आए इस पवन मौके ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के आस्थावान लोगों को आकर्षित किया।
श्रद्धालुओं के इस महासंगम में कई लोग अपने प्रियजनों से बिछड़ गए लेकिन, योगी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप, 54,357 बिछड़े हुए व्यक्तियों को सफलतापूर्वक उनके परिवारों से मिलाया गया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल थीं। भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाने में पुलिस ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Number of people lost in Mahakumbh : दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर महाकुंभ क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए। इन केंद्रों में अत्याधुनिक एआई-आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और मल्टीलैंग्वेज सपोर्ट्स शामिल थे। इस काम में एनजीओ ने भी सराहनीय भूमिका निभाई, जिसमें भारत सेवा केंद्र और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति ने प्रमुख योगदान दिया।
भारत सेवा केंद्र के भूले भटके शिविर के निदेशक उमेश चंद्र तिवारी के अनुसार, शिविर के अंत तक 19,274 खोए हुए व्यक्तियों को सफलतापूर्वक उनके परिवारों से मिलाया गया। सभी 18 खोए हुए बच्चों को भी सुरक्षित रूप से उनके परिवारों के पास वापस भेज दिया गया। खोया पाया केंद्र विशेष रूप से बिछड़े हुए व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाने तक लगातार उनका पता लगाने की कोशिश की जाती रही थी और आखिर में उन्हें कामयाबी मिली।
Number of people lost in Mahakumbh : महाकुंभ के अंतिम दिन, बिहार के मुजफ्फरपुर की कृष्णा देवी अपने परिवार से फिर से मिल गईं, और छत्तीसगढ़ के रायपुर की जंगी देवी भी अपने परिवार से मिल गईं। इसी तरह, नेपाल के बांके जिले के जगजन्नन धारू और नेपाल के सप्तरी के सीताराम शाह की पत्नी बिंदी भी सुरक्षित रूप से अपने प्रियजनों से मिल गईं। इस पूरे पहल और सफलता पर यूपी सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।