Mahashivratri me Sangam Snan: महाशिवरात्रि पर संगम घाट के लिए कितने दूर चलना होगा? प्रयागराज पहुंचने से पहले जान लें पूरी जानकारी, नहीं तो गले पड़ जाएगी मुसीबत
Mahashivratri me Sangam Snan: महाशिवरात्रि पर संगम घाट के लिए कितने दूर चलना होगा? प्रयागराज पहुंचने से पहले जान लें पूरी जानकारी, नहीं तो गले पड़ जाएगी मुसीबत
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- महाशिवरात्रि और महाकुंभ पर्व के अवसर पर "नो-व्हीकल जोन" की घोषणा
- स्नान घाटों का निर्धारण विभिन्न प्रवेश मार्गों के आधार पर किया गया है
- आवश्यक सेवाओं (दूध, दवा, पेट्रोल, एंबुलेंस) की आपूर्ति पर कोई रोक नहीं रहेगी
महाकुंभ नगर: Mahashivratri me Sangam Snan महाशिवरात्रि और महाकुंभ पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को शाम चार बजे से मेला क्षेत्र और शाम छह बजे से कमिश्नरेट प्रयागराज को “नो-व्हीकल जोन” घोषित किया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस निर्णय का पालन करते हुए सुचारू यातायात एवं श्रद्धालुओं की सुविधा में सहयोग करें।
Mahashivratri me Sangam Snan एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के दृष्टिकोण से प्रशासन ने प्रवेश मार्गों के अनुसार स्नान घाटों का निर्धारण किया है। इसके अंतर्गत झूसी से आने वाले श्रद्धालु दक्षिणी झूसी के श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान करेंगे। वहीं, उत्तरी झूसी के श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट का उपयोग करेंगे।
बयान के मुताबिक, परेड क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकी घाट, संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट और संगम द्वार हनुमान घाट पर स्नान करेंगे। मेला प्रशासन के अनुसार, अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार अरैल घाट पर स्नान करेंगे। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने प्रवेश मार्ग के निकटतम घाट पर स्नान करें ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके।
हालांकि, मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यातायात प्रतिबंधों के बावजूद, दूध, सब्जी, दवा, पेट्रोल/डीजल की आपूर्ति, एंबुलेंस और सरकारी सेवाओं (पुलिस, डॉक्टर, प्रशासन) से जुड़े वाहनों के आवागमन पर कोई रोक नहीं रहेगी। इन आवश्यक सेवाओं के निर्बाध संचालन की व्यवस्था की गई है। पांटून पुलों का संचालन भीड़ के अनुसार होगा। भीड़ नियंत्रण के लिए सभी पांटून पुलों का संचालन श्रद्धालुओं की संख्या और दबाव के आधार पर किया जाएगा। यदि किसी क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ हो जाती है तो प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराए जाएंगे।

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