महाराष्ट्र के सात जिलों में तीन साल में 14,526 बच्चों की मौत हुई: स्वास्थ्य मंत्री

महाराष्ट्र के सात जिलों में तीन साल में 14,526 बच्चों की मौत हुई: स्वास्थ्य मंत्री

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 05:15 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 05:15 PM IST

नागपुर, 12 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने शुक्रवार को विधानसभा में सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के सात जिलों में पिछले तीन वर्षों में 14,526 बच्चों की मौत दर्ज की गई है।

आबिटकर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक स्नेहा दुबे द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आंकड़े साझा किए।

मंत्री के अनुसार वर्ष 2022-23 और 2024-25 के बीच पुणे, मुंबई, छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर, अमरावती, अकोला और यवतमाल जिलों में कुल 14,526 बच्चों की मौत हुई।

इन आंकड़ों में सरकारी अस्पतालों में भर्ती पांच साल से कम उम्र के शिशु और बच्चों के साथ ही कुपोषण के मामले शामिल हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि आदिवासी बहुल पालघर जिले में 138 शिशुओं की मृत्यु दर्ज की गई है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के नवंबर 2025 तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए आबिटकर ने कहा कि 203 बच्चों की पहचान गंभीर रूप से कुपोषित (एसएएम) और 2,666 बच्चों की मध्यम कुपोषित के रूप में हुई है। कम वजन वाले बच्चों का अनुपात 0.23 प्रतिशत दर्ज किया गया।

उन्होंने भारत के महापंजीयक द्वारा जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) 2022 का भी उल्लेख किया, जिसके अनुसार महाराष्ट्र में प्रति 1000 जीवित बच्चों पर मृत्युदर 11 है जोकि राष्ट्रीय औसत 23 से कम है।

आबिटकर ने कहा कि राज्य सरकार ने कुपोषण के मामलों को कम करने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) कार्यक्रम के तहत कई उपाय किए हैं। इनमें नियमित स्वास्थ्य जांच, गर्भवती महिलाओं के लिए डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और ‘सुपोषित महाराष्ट्र’ पहल शामिल हैं।

भाषा

राखी पवनेश

पवनेश