एल्गार मामले में आरोपी अहम तथ्यों का खंडन कर रहे हैं और अदालत को भ्रमित कर रहे हैं: एनआईए

एल्गार मामले में आरोपी अहम तथ्यों का खंडन कर रहे हैं और अदालत को भ्रमित कर रहे हैं: एनआईए

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  • Publish Date - October 13, 2021 / 08:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

मुंबई, 13 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी बिना किसी आधार के अहम तथ्यों का खंडन कर रहे हैं और अदालत को भ्रमित कर रहे हैं ताकि सुनवाई प्रक्रिया को बाधित किया जा सके।

इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में एनआईए ने न्यायमूर्ति नितिन जमादार और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ के समक्ष कहा कि वह फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से प्राप्त होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की क्लोन की गयीं प्रतियां कार्यकर्ताओं सुधा भारद्वाज, गौतम नवलख और अन्य आरोपियों को देंगे जिन पर केंद्रीय एजेंसियां भरोसा करती हैं।

एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया कि विशेष अदालत के समक्ष बीच में सुनवाई की कार्यवाही को रोका नहीं जाए।

एजेसी ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा इस मामले में लगाए गए इन आरोपों का भी खंडन किया कि उनके पास से जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की क्लोन प्रतियों के साथ छेड़छाड़ की गई थी, और कहा कि ऐसे पांच साक्ष्यों की क्लोन प्रतियों की एफएसएल जांच कर रही है और एक बार उन्हें प्राप्त होने के बाद, उन्हें आरोपियों को प्रदान किया जाएगा।

उसने आरोप लगाया कि आरोपी बिना किसी आधार के अहम तथ्यों का खंडन कर रहे हैं। एजेंसी ने कहा कि सुनवाई विलंबित करना ही आरोपियों का गुप्त मकसद है।

एनआईए का हलफनामा भारद्वाज और नवलखा द्वारा इस साल अगस्त में दाखिल याचिकाओं के जवाब में आया है। याचिकाओं में मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा जब्त सभी उपकरणों की क्लोन प्रतियां मांगी हैं।

भाषा

वैभव अनूप

अनूप