रिश्वतखोरी मामले में दीवानी अदालत के लिपिक को जमानत मिली

रिश्वतखोरी मामले में दीवानी अदालत के लिपिक को जमानत मिली

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 09:24 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 09:24 PM IST

मुंबई, 19 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुंबई स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार दीवानी अदालत के एक लिपिक को जमानत दे दी।

मझगांव स्थित दीवानी अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एजाजुद्दीन सलाउद्दीन काजी इस मामले में सह-आरोपी हैं। हालांकि, विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं हो सका।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मामलों की विशेष न्यायाधीश शयाना पाटिल ने काजी की अदालत में ‘क्लर्क-कम-टाइपिस्ट’ के रूप में कार्यरत चंद्रकांत वासुदेव को जमानत दी। उनकी पिछली जमानत याचिका पिछले महीने खारिज कर दी गई थी।

वासुदेव पर भूमि विवाद के एक मामले में अनुकूल फैसला दिलाने के बदले 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।

एसीबी के अनुसार, वासुदेव ने कथित तौर पर अपने लिए और न्यायाधीश के लिए कुल 25 लाख रुपये की मांग की थी और 15 लाख रुपये स्वीकार करते समय उसे रंगे हाथों पकड़ा गया था।

पिछले महीने जमानत से इनकार किए जाने के बाद लिपिक ने विशेष अदालत में नयी याचिका दायर की थी, जिसमें करीब एक महीने से जेल में बंद रहने का हवाला दिया गया था।

एसीबी न्यायाधीश काजी के खिलाफ भी जांच कर रही है, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

भाषा

राखी सुरेश

सुरेश