‘रमी’ वीडियो विवाद के बीच मंत्री ने सरकार को ‘भिखारी’ कहा

'रमी' वीडियो विवाद के बीच मंत्री ने सरकार को 'भिखारी' कहा

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  • Publish Date - July 22, 2025 / 06:20 PM IST,
    Updated On - July 22, 2025 / 06:20 PM IST

नासिक, 22 जुलाई (भाषा) विधानमंडल में अपने फोन में कथित रूप से रमी गेम खेलने को लेकर विवादों में आए महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे ने मंगलवार को एक और विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने किसानों पर अपनी पूर्व की टिप्पणी को स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए सरकार को ‘भिखारी’ बता दिया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंत्रियों का इस तरह से बोलना अनुचित है। साथ ही उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं राज्य के कृषि मंत्री कोकाटे ने इस साल के शुरू में किसानों की तुलना कथित रूप से भिखारियों से कर दी थी।

उन्होंने कहा था, ‘यहां तक कि एक भिखारी भीख में एक रुपये भी नहीं लेता, लेकिन यहां हम एक रुपये में फसल बीमा दे रहे हैं। फिर भी, कुछ लोग इसका दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं।’

टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कोकाटे ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार किसानों को एक रुपया नहीं देती, बल्कि उनसे एक रुपया लेती है। सरकार खुद भिखारी है।’

नासिक जिले के सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री ने कहा कि एक रुपये की फसल बीमा योजना के लिए पांच लाख से 5.3 लाख फर्जी आवेदन प्राप्त हुए थे और उन्होंने उन्हें खारिज कर दिया तथा कई सुधारात्मक कदम उठाए।

दो वर्ष पहले शुरू की गई एक रुपये की फसल बीमा योजना को कुछ महीने पहले समाप्त कर दिया गया और उसके स्थान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई।

कोकाटे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘अगर उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है, तो मंत्रियों का इस तरह से बोलना अनुचित है। हमने फसल बीमा योजना में सुधारात्मक कदम उठाए हैं क्योंकि हमने देखा कि बीमा कंपनियों को फायदा हो रहा है, किसानों को नहीं।’

मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने कृषि क्षेत्र में हर साल 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए कदम उठाए हैं। चुनौतियों के बावजूद महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था अच्छी है।’

राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य को ‘भिखारी’ कहना असंवेदनशीलता है।

उन्होंने कहा, ‘यह राज्य के अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों और राज्य की जनता की कड़ी मेहनत का अपमान है। हम इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए कोकाटे ने दावा किया कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर कभी ऑनलाइन ‘रमी गेम’ नहीं खेला जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है। उन्होंने इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि एक मामूली मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।

जब मंत्री का काफिला नासिक रोड की ओर जा रहा था, तो विपक्षी शिवसेना (उबाठा) के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए उनके काफिले पर ताश के पत्ते फेंकने की कोशिश की।

राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने रविवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट की जिसमें कोकाटे विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान अपने मोबाइल फोन पर ऑनलाइन ‘रमी’ खेलते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के सामने आते ही राजनीतिक बवाल मच गया।

राकांपा (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को दो वीडियो पोस्ट किए जिनमें दावा किया गया कि कोकाटे राज्य विधानमंडल के हालिया मानसून सत्र के दौरान अपने मोबाइल फोन पर ‘जंगली रमी’ ऑनलाइन गेम खेलते नजर आ रहे थे।

कोकाटे के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने सोमवार को कहा कि पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस वीडियो को गंभीरता से लिया और वह मंत्री से बात करेंगे।

कोकाटे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे ऑनलाइन रमी खेलना नहीं आता। गेम खेलने के लिए एक ओटीपी और बैंक खाते को लिंक करना जरूरी होता है। कोई भी यह जांच सकता है कि मेरा मोबाइल फोन ऐसे किसी गेम से जुड़ा है या नहीं। मैं एक गेम को हटाने की कोशिश कर रहा था जो 10 से 15 सेकंड के लिए मेरी स्क्रीन पर ‘पॉप-अप’ हो गया था।’’

इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आप मुझे बताइए, मैंने ऐसे क्या किया कि मेरे इस्तीफे की मांग की जा रही है? क्या मैंने किसी से छेड़छाड़ की है। क्या मैंने कुछ चोरी किया है या किसानों के खिलाफ फैसला किया है? क्या मेरी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि है?’’

कोकाटे ने कहा कि वह उन विपक्षी नेताओं पर मुकदमा करेंगे जिन्होंने एक अधूरा वीडियो प्रसारित करके उन्हें ‘‘बदनाम’’ करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पूरा वीडियो नहीं दिखाया। इससे तथ्य बिल्कुल स्पष्ट हो जाते। एक छोटे से मुद्दे को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।’’

राकांपा नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और विधानसभा अध्यक्ष को इस संबंध में गहन जांच कराने के लिए पत्र लिखेंगे।

कोकाटे ने कहा, ‘‘अगर वीडियो सही साबित हुआ तो मैं अपना इस्तीफा दे दूंगा। मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान बयान दे सकते हैं और मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिले बिना ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।’’

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सोमवार को कोकाटे की वीडियो क्लिप पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कोकाटे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। यह सच है कि मैंने उन्हें जानकारी नहीं दी।’’

कोकाटे ने दावा किया कि वह पिछले 25 साल से राज्य विधानमंडल के नियमों और विनियमों का पालन कर रहे हैं।

उनका बयान से अप्रैल में एक बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब कोकाटे ने कहा था कि किसान कृषि योजनाओं से प्राप्त धन को इच्छित उद्देश्यों पर खर्च नहीं करते, बल्कि इसका उपयोग सगाई और शादियों में करते हैं।

जब उनकी टिप्पणी की निंदा हुई, तो उन्होंने खेद व्यक्त किया और माफी मांगी।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश