आंध्र प्रदेश: जगन ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया, राष्ट्रपति शासन की मांग की

आंध्र प्रदेश: जगन ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया, राष्ट्रपति शासन की मांग की

आंध्र प्रदेश: जगन ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया, राष्ट्रपति शासन की मांग की
Modified Date: July 5, 2025 / 09:44 am IST
Published Date: July 5, 2025 9:44 am IST

अमरावती, पांच जुलाई (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों, ‘‘अवैध’’ गिरफ्तारियों और ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न के संगठित अभियान’’ के माध्यम से निशाना बनाया जा रहा है।

रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सवाल किया, “जब राजनीतिक नेताओं और नागरिकों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है, कानून- व्यवस्था बिगड़ रही है और संविधान का उल्लंघन हो रहा है, तो राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए?”

 ⁠

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि गुंटूर जिले के मन्नवा गांव के दलित ग्राम पंचायत अध्यक्ष नागमल्लेश्वर राव पर हाल ही में दिनदहाड़े हुआ हमला राज्य में ‘‘अराजकता’’ को दर्शाता है और उस घटना के वीडियो से स्थिति की गंभीरता पता चलती है।

जगन ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तेदेपा की बात न मानने पर वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या चंद्रबाबू नायडू सरकार के नेतृत्व में लोग वास्तव में सुरक्षित हैं?

इस बीच, वाईएसआरसीपी एससी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष टीजेआर सुधाकर बाबू ने नायडू पर दलितों का अपमान करने का आरोप लगाया।

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में