अनिल देशमुख ने ‘डिफॉल्ट’ जमानत के लिए दायर की याचिका, CBI के आरोप पत्र को बताया अधूरा

Anil Deshmukh files plea for 'default' bail : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में यहां एक

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  • Publish Date - June 8, 2022 / 03:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST
Anil Deshmukh

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मुंबई : Anil Deshmukh files plea for ‘default’ bail : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में यहां एक विशेष अदालत से उन्हें ‘डिफॉल्ट’ (आरोप-पत्र दाखिल करने में चूक के कारण मिली) जमानत दिए जाने का बुधवार को अनुरोध किया और दावा किया कि इस मामले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने“अधूरा’’ आरोप पत्र दाखिल किया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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सीबीआई ने दाखिल किया 59 पन्नों का आरोप

Anil Deshmukh files plea for ‘default’ bail : सीबीआई ने भ्रष्टाचार के इस मामले में पिछले सप्ताह मुंबई की एक विशेष अदालत में देशमुख और उनके पूर्व सहयोगियों-संजीव पलांडे तथा कुंदन शिंदे के खिलाफ 59 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख (71) धनशोधन के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं तथा शहर की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं। धनशोधन के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

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देशमुख का दावा – अधूरा है आरोप पत्र

Anil Deshmukh files plea for ‘default’ bail :  ‘डिफॉल्ट’ जमानत का अनुरोध करने वाली याचिका वकीलों इंद्रपाल सिंह और अनिकेत निकम के जरिए दायर की गई है, जिसमें देशमुख ने दावा किया है कि सीबीआई द्वारा दो जून को दायर आरोप पत्र ‘‘अधूरा’’ हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘‘जांच पूरी किए बिना और सीआरपीसी (आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 173 के तहत अनिवार्य अंतिम एवं पूर्ण आरोप पत्र दाखिल किए बगैर, आरोप पत्र बताए जा रहे 59 पृष्ठों का केवल संकलन दाखिल करके, अभियोजन एजेंसी डिफॉल्ट जमानत का दावा करने के याचिकाकर्ता के अपरिहार्य वैधानिक अधिकार को छीन नहीं सकती।’’

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पूर्व पुलिस आयुक्त ने लगाया था वसूली के निर्देश देने का आरोप

Anil Deshmukh files plea for ‘default’ bail :  सीआरपीसी की धारा 173 किसी मामले में जांच पूरी होने पर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट से संबंधित धारा है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को शहर के रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था। देशमुख ने इन आरोपों का खंडन किया था, लेकिन बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था।

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