सामाजिक समरसता मिटा रही है भाजपा, कर्नाटक की जीत में अल्पसंख्यकों ने दिया साथ: कांग्रेस |

सामाजिक समरसता मिटा रही है भाजपा, कर्नाटक की जीत में अल्पसंख्यकों ने दिया साथ: कांग्रेस

सामाजिक समरसता मिटा रही है भाजपा, कर्नाटक की जीत में अल्पसंख्यकों ने दिया साथ: कांग्रेस

:   Modified Date:  May 24, 2023 / 09:54 PM IST, Published Date : May 24, 2023/9:54 pm IST

मुंबई, 24 मई(भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सामाजिक सौहार्द को खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि अल्पसंख्यकों ने कर्नाटक चुनाव में पार्टी की शानदार जीत में योगदान दिया।

राज्य इकाई के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने तक भारत में सभी जातियों और धर्मों के लोग सद्भाव से रहते थे। उन्होंने भाजपा पर पिछले 9 वर्षों में भारत की “असली पहचान” को मिटाने का आरोप लगाया।

पटोले ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार लोकतंत्र और संविधान को “चोट” पहुंचा रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा जाति और धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है लेकिन देश के लोग अब इसे देख सकते हैं।

पटोले ने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हिजाब जैसे धार्मिक मुद्दे को उठाया, लेकिन जो नेता धार्मिक मुद्दों पर भरोसा करते थे, उनकी जमानत जब्त हो गई। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने भाजपा की “धर्मांध राजनीति” को जारी नहीं रहने दिया।

भाजपा के ‘डबल इंजन’ नारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “मणिपुर में डबल इंजन की सरकार है। हम देख रहे हैं कि आज वहां क्या स्थिति है।”

पटोले के पार्टी सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि कर्नाटक चुनाव ने दिखा दिया है कि देश में ‘डबल इंजन’ की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ की जरूरत तभी पड़ती है जब एक इंजन रुकता है लेकिन कांग्रेस के पास एक ही दमदार इंजन है और वह हैं राहुल गांधी।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जीत में अल्पसंख्यक समुदाय का भी काफी योगदान है। चव्हाण ने कहा कि यह महाराष्ट्र में भी हो सकता है।

चव्हाण ने कहा कि एआईएमआईएम और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) महाराष्ट्र में वोटों को बांटने का काम करती हैं और इसका सीधा फायदा भाजपा को होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट होकर उसके साथ खड़ा होना चाहिए।

भाषा प्रशांत माधव

माधव

 

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