बीएमसी वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आंखें मूंद रही: उच्च न्यायालय
बीएमसी वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आंखें मूंद रही: उच्च न्यायालय
मुंबई, 24 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर ‘‘आंखें मूंद लेने’’ और समस्या से निपटने के लिए ‘‘कुछ भी नहीं करने’’ के लिए बुधवार को बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की कड़ी आलोचना की।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने सवाल किया कि मुंबई जैसे छोटे शहर में बीएमसी ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की 125 से अधिक निर्माण परियोजनाओं को कैसे मंजूरी दे दी।
पीठ ने कहा कि स्थिति अब नगर निकाय के नियंत्रण से बाहर हो गई है।
अदालत ने बीएमसी को चेतावनी दी थी कि अगर शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति बरकरार रहती है, तो उसे वह निर्माण के लिए आगे कोई भी अनुमति देने से रोकने संबंधी आदेश पारित करेगी।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इतने छोटे शहर में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की 125 परियोजनाओं को कैसे मंजूरी दी जा सकती है? यह बहुत ज्यादा है। अब स्थिति आपके (बीएमसी) नियंत्रण से बाहर हो गई है। अब आप चीजों को संभाल नहीं पा रहे हैं।’’
अदालत ने बीएमसी से कहा कि वह अपने तंत्र को इस तरह से मजबूत करे कि उपाय निवारक प्रकृति के हों, न कि उपचारात्मक।
उसने कहा, ‘‘बीएमसी कुछ नहीं कर रही है। न्यूनतम आवश्यकताएं भी पूरी नहीं की जा रही हैं। आपके (बीएमसी) पास कोई व्यवस्था नहीं है। कोई कार्यान्वयन योजना नहीं है। कोई निगरानी नहीं है। बीएमसी ने इस मुद्दे पर आंखें मूंद ली हैं।’’
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी के लिए तय की।
भाषा
शफीक पारुल
पारुल

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