पुणे, पांच जून (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के दौरान ‘जीत की संभावना’ के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिरुर लोकसभा सीट पर फैसला वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा। इस सीट का मौजूदा समय में राकांपा के अमोल कोल्हे प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कोल्हे ने शिवसेना (अविभाजित) के शिवाजीराव आढलराव पाटिल को हराया था। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना का गठबंधन था। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था और राकांपा-कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार बनाई थी।
राकांपा की समीक्षा बैठक से इतर पवार संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस बैठक में नौ जून को पार्टी के स्थापना दिवस पर अहमदनगर में आयोजित रैली की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई।
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों का बंटवारा करते समय उन उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा जिनकी जीत की संभावना अधिक होगी।’’
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुल ने राकांपा की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रकोष्ठ के सम्मेलन को ‘नौटंकी’ करार दिया था। इस बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि राकांपा के विपक्षियों से पार्टी के बारे में बात करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
ओबीसी कोटा के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि वह एमवीए की सरकार थी, जिसने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण (निकाय चुनाव में) को मंजूरी दी तब हमारी टीम वहां गई और उनके द्वारा अपनाई गई रणनीति पर चर्चा की। इसके बाद हमने शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखा और सभी अब फैसले के बारे में जानते हैं।’’
भाषा धीरज ब्रजेन्द्र
ब्रजेन्द्र
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