छत्तीसगढ़ : रायगढ़ में कोयला खदान के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक, कई पुलिसकर्मी घायल

छत्तीसगढ़ : रायगढ़ में कोयला खदान के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक, कई पुलिसकर्मी घायल

छत्तीसगढ़ : रायगढ़ में कोयला खदान के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक, कई पुलिसकर्मी घायल
Modified Date: December 28, 2025 / 12:33 am IST
Published Date: December 28, 2025 12:33 am IST

रायगढ़, 27 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार इलाके में शनिवार को एक कोयला खनन परियोजना के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से दो अधिकारियों समेत कई पुलिसवाले घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के तमनार इलाके में कोयला खनन परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और एक पुलिस बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस में आग लगा दी, साथ ही कई दूसरी सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने बताया कि इस दौरान भीड़ जिंदल पावर लिमिटेड के कोयला हैंडलिंग संयंत्र में भी घुस गई और एक कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और दूसरी अन्य गाड़ियों में आग लगा दी। वहीं कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गयी।

 ⁠

जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस महीने की आठ तारीख को भौराभाठा गांव में हुई जनसुनवाई के विरोध में सेक्टर एक कोल ब्लॉक के अंतर्गत प्रभावित 14 ग्रामों के लोग 12 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। धरने के दौरान आज सुबह नौ बजे लगभग तीन सौ लोगों की भीड़ थी, उनमें से कुछ लोगों ने सड़क पर बैठकर सामान्य आवागमन को बाधित कर दिया था।

बयान में कहा गया है कि आज सुबह 10 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम), अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने लोगों को समझा कर उन्हें धरना के लिए लगाए गए टेंट पर वापस भेज दिया।

बयान के मुताबिक समय-समय पर भीड़ उग्र होती रही तथा आवागमन को बाधित करने का प्रयास करती रही। जिसके बाद एसडीएम घरघोडा और पुलिस अधिकारियों ने उनसे शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने के लिए अनुरोध किया। वहीं इस दौरान लगातार आस-पास के गांवों से लोग जमा होते जा रहे थे जिनकी संख्या लगभग एक हजार के आस-पास थी।

बयान में कहा गया है कि अचानक लगभग अपराह्न ढाई बजे भीड़ बेकाबू हो गई और अवरोधकों को तोड़ते हुए पत्थर और डंडों से वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उपद्रवी भीड़ ने जमकर लाठी डंडे बरसाए। जिससे एसडीपीओ अनिल विश्वकर्मा, थाना प्रभारी तमनार कमला पुसाम तथा एक आरक्षक को गंभीर चोट आई तथा कई पुलिस के जवान और महिला आरक्षक घायल हो गए। घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बयान के मुताबिक अनियंत्रित भीड़ द्वारा मौके पर पुलिस की बस, जीप और एम्बुलेंस को आग लगा दी गई तथा कई शासकीय वाहन भी क्षतिग्रस्त किए गए। बाद में अनियंत्रित भीड़ ने जिंदल के कोल हैंडलिंग संयंत्र के अंदर घुसकर कन्वेयर बेल्ट तथा दो ट्रैक्टर और अन्य वाहन को आग लगा दी तथा कार्यालय में भी तोड़फोड़ किया गया।

बयान में कहा गया कि भीड़ को समझाने के लिए लैलूंगा क्षेत्र की विधायक विद्यावती सिदार और जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ ने पथराव कर दिया और कोल हैंडलिंग संयंत्र के अंदर आगजनी कर दी।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल और बड़ी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर मौजूद हैं। स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।

रायगढ़ के जिलाधिकारी मयंक चतुर्वेदी ने संवाददाताओं को बताया कि ग्रामीण पिछले 15 दिनों से शांति से प्रदर्शन कर रहे थे और प्रशासन उन्हें जरूरी सुविधाएं भी दे रहा था।

चतुर्वेदी ने बताया कि शनिवार को अपराह्न करीब ढाई बजे कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रदर्शनकारियों को भड़काया और पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे मौके पर तैनात पुलिसकर्मी घायल हो गए।

उन्होंने बताया कि जनप्रतिधियों, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने बातचीत करने की और कोशिशें कीं, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई और बिना नेतृत्व के लग रही थी।

जिलाधिकारी ने बताया, ”बातचीत फिर से शुरू करने के लिए भीड़ में से जिम्मेदार लोगों की पहचान करने की कोशिशें जारी हैं। घायलों की हालत स्थिर है, और कुछ को बेहतर इलाज के लिए रायगढ़ भेजा गया है।”

ग्रामीणों के मुताबिक वे प्रस्तावित खनन परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, उनका आरोप है कि इसकी मंजूरी के लिए की गई जनसुनवाई तय नियमों के खिलाफ थी।

वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसके लिए राज्य सरकार की ‘हठधर्मिता’ को जिम्मेदार ठहराया।

बैज ने एक बयान में कहा है, ”तमनार में आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच टकराव दुखद है। सरकार कोयले के लिये जबरिया जल, जंगल, जमीन की बेदखली करने पर उतर आई है।”

भाषा

सं, संजीव रवि कांत


लेखक के बारे में