देश की सुरक्षा न तो 'आउटसोर्स' की जा सकती है,ना ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रह सकते हैं:जनरल पांडे |

देश की सुरक्षा न तो ‘आउटसोर्स’ की जा सकती है,ना ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रह सकते हैं:जनरल पांडे

देश की सुरक्षा न तो 'आउटसोर्स' की जा सकती है,ना ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रह सकते हैं:जनरल पांडे

:   Modified Date:  February 1, 2023 / 10:00 PM IST, Published Date : February 1, 2023/10:00 pm IST

पुणे (महाराष्ट्र), एक फरवरी (भाषा) थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को कहा कि कोई भी देश नवीनतम ‘‘अत्याधुनिक’’ प्रौद्योगिकियों को साझा करने को तैयार नहीं है, जिसका यह मतलब है कि देश की सुरक्षा न तो ‘‘आउटसोर्स’’ की जा सकती है और ना ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रहा जा सकता है।

जनरल पांडे ने महाराष्ट्र के पुणे शहर में ‘आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ के स्थापना दिवस के मौके पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से कुछ प्रमुख तथ्य सामने आये हैं। इनमें सैन्य बल द्वारा गैर-परंपरागत रणनीति और तरकीब को अपनाना, युद्ध में सूचना का प्रबंधन, डिजिटल तौर पर मजबूती, आर्थिक ताकत का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रद्यौगिकी दक्षता होने की वजह से युद्ध में अहम भूमिका निभाते नजर आए हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सुरक्षा तकनीकी बढ़त पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी देश नवीनतम, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को साझा करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए इसका तात्पर्य है कि राष्ट्र की सुरक्षा को न तो आउटसोर्स किया जा सकता है और न ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रहा जा सकता है। महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता और निवेश अनुसंधान और विकास एक रणनीतिक अनिवार्यता है जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।’’

सेनाध्यक्ष के मुताबिक, भारतीय थलसेना इन वास्तविकताओं से अवगत है। विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के बारे में विस्तार से बताते हुए जनरल पांडे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, 5जी और ऑटोमेशन की क्षमता से लैस उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि हमारी क्षमताओं का विकास आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों और विशिष्ट तकनीकों के लाभ पर आधारित हो और भारतीय थलसेना इन दोनों पहलुओं पर ठोस कदम उठा रही है।’’

सेना प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया नारा ‘‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’’ समकालीन वास्तविकता को बेहतर तरीके से व्यक्त करता है और अनुसंधान तथा नवाचार के महत्व को रेखांकित करता है।

पांडे ने कहा कि देश की युद्ध प्रणाली में प्रौद्योगिकी को शामिल करना और आधुनिकीकरण एक स्थायी कवायद रहेगी।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में, उद्योगपति बाबा कल्याणी ने भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग उन्नत हथियार प्रणालियों का आयातक से निर्यातक बन गया है।

भाषा आशीष सुभाष

सुभाष

 

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