अदालत ने आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया

अदालत ने आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 11:11 PM IST,
    Updated On - April 2, 2025 / 11:11 PM IST

मुंबई, दो अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वह और अन्य सह-आरोपी ‘‘भारत की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने वाली’’ गतिविधियों में संलिप्त थे।

विशेष अदालत के न्यायाधीश बी डी शेल्के ने 29 मार्च को आरोपी जुबैर नूर मोहम्मद शेख को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि आरोपियों के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि वे मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस में शामिल होने और इसकी विचारधारा का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी (शेख) के खिलाफ दर्ज अपराध में उसकी संलिप्तता को दर्शाने वाले पर्याप्त साक्ष्य रिकार्ड में मौजूद हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि उसने और अन्य सह-आरोपियों ने साजिश रची थी तथा भारत में ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने में लगे थे, जिससे इसकी अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा पैदा होता।’’

शेख और पांच अन्य के खिलाफ विशेष एनआईए अदालत के समक्ष गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया।

वे कथित रूप से ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) की हिंसक और चरमपंथी विचारधारा का प्रचार करने तथा संगठन और इसके उद्देश्यों के लिए लोगों की भर्ती के माध्यम से आतंकी हिंसा की तैयारी करने में संलिप्त थे।

आरोपी की ओर से पेश हुए वकील हसनैन काजी ने दलील दी कि शेख के खिलाफ पूरा मामला व्हाट्सएप चैट और ईमेल पर आधारित है। उन्होंने दलील दी कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप यूएपीए के प्रावधानों के तहत नहीं आते।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल