डॉ. आंबेडकर का सामाजिक-आर्थिक समानता का सिद्धांत भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगा: प्रधान न्यायाधीश
डॉ. आंबेडकर का सामाजिक-आर्थिक समानता का सिद्धांत भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगा: प्रधान न्यायाधीश
नागपुर, दो अगस्त (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई ने शनिवार को कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा प्रचारित सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय का सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगा।
न्यायमूर्ति गवई ने यहां डॉ. आंबेडकर कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में कहा कि उन्होंने जीवनभर सामाजिक-आर्थिक न्याय की विचारधारा को आत्मसात करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की प्रगति और विकास किसी भी समाज की तरक्की को मापने का एक पैमाना है।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘यह देखकर खुशी होती है कि डॉ. आंबेडकर कॉलेज की छात्राओं ने इन मानदंडों को पूरा किया है।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि महिला सशक्तीकरण डॉ. आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है और उनकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. आंबेडकर हमेशा कहते थे कि एक प्रतिष्ठित व्यक्ति और एक महान व्यक्ति में अंतर होता है। एक प्रतिष्ठित व्यक्ति वह होता है जो व्यक्तिगत रूप से सफल होता है, लेकिन समाज और देश के कल्याण के लिए काम करता है।’’
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि वह अपने माता-पिता के अलावा, भारत के प्रधान न्यायाधीश बनने की यात्रा का श्रेय डॉ. आंबेडकर की सामाजिक-आर्थिक समानता, न्याय और भारतीय संविधान की विचारधारा को भी देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘यदि आप सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो डॉ. आंबेडकर की विचारधारा और भारतीय संविधान आपकी मदद करेगा।’
भाषा योगेश देवेंद्र
देवेंद्र

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