एल्गार परिषद मामला : अदालत ने नवलखा को गृहनगर दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति दी

एल्गार परिषद मामला : अदालत ने नवलखा को गृहनगर दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति दी

एल्गार परिषद मामला : अदालत ने नवलखा को गृहनगर दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति दी
Modified Date: December 17, 2025 / 02:22 pm IST
Published Date: December 17, 2025 2:22 pm IST

मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बुधवार को दिल्ली स्थित उनके घर में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें जरूरत पड़ने पर सुनवाई के लिए यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश होना होगा।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायामूर्ति श्याम चंदक की पीठ ने कहा कि नवलखा को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रत्येक शनिवार को दिल्ली के स्थानीय थाने में हाजिरी लगानी पड़ेगी। साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना पड़ेगा और वह विशेष अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली छोड़कर नहीं जा सकते।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘आवेदक (नवलखा) आरोप तय किए जाने के समय विशेष अदालत के समक्ष तब उपस्थित होगा और उसके बाद वह विशेष न्यायालय द्वारा बुलाए जाने पर तब तक उपस्थित रहेगा जब तक कि अदालत द्वारा उसे छूट नहीं दी जाती।’’

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नवलखा के वकील युग चौधरी ने स्थानीय पुलिस थाने में हर हफ्ते एक बार हाजिरी लगाने की शर्त को महीने में एक बार करने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि फिलहाल वह महीने में केवल एक बार ही पेश होते हैं।

बहरहाल, पीठ ने यह कहते हुए इसे स्वीकार नहीं किया कि नवलखा को अपनी स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन वह अभी तक आरोप मुक्त नहीं हुए हैं।

अदालत ने मंगलवार को मौखिक रूप से कहा था कि नवलखा के ‘देश से फरार होने का खतरा’ नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जब उन्होंने भागने की कोशिश की हो।

बंबई उच्च न्यायालय ने नवलखा को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में 2023 में जमानत दे दी थी। हालांकि, उसने मानवाधिकार कार्यकर्ता पर निचली अदालत की पूर्व अनुमति के बिना मुंबई नहीं छोड़ने की शर्त लागू की थी।

नवलखा ने इस साल राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत में अर्जी दायर कर उन्हें इस आधार पर दिल्ली में रहने की अनुमति देने का आग्रह किया कि यह उनका गृहनगर है।

हालांकि, अदालत ने नवलखा की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।

अपनी याचिका में नवलखा ने कहा कि इस मामले में जल्द ही सुनवाई शुरू होने की संभावना नहीं है और वह अब मुंबई में रहने का खर्चा नहीं उठा सकते।

एनआईए ने नवलखा पर प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेताओं के निर्देशों के तहत माओवादी गतिविधियों और विचारधारा के प्रचार में सह-साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है।

यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच की ओर से आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम के दौरान लोगों को उकसाने और भड़काऊ भाषण देने से संबंधित है, जिसके कारण महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर हिंसा और जान-माल का नुकसान हुआ।

भाषा

गोला नरेश

नरेश


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