मुंबई, 31 मार्च (भाषा) पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने भ्रष्टाचार के मामले में औपचारिक रिाहई की मांग करते हुए यहां की एक विशेष अदालत से कहा कि अगर कोई व्यक्ति सुरक्षा के नाम पर जेल में बंद रहता है, तो माफी दिए जाने का उद्देश्य ”बेकार” हो जाएगा।
भ्रष्टाचार से संबंधित मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मामले के आरोपियों में से एक हैं। वह अन्य आरोपियों के साथ फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। मामले में सरकारी गवाह बन चुका वाजे अभी भी न्यायिक हिरासत में है।
पूर्व पुलिसकर्मी ने आरोप वापस लिए जाने और रिहाई की मांग करते हुए अदालत के समक्ष आवेदन दायर किया है।
वाजे ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि मामले के अन्य आरोपियों को जमानत दे दी गई है, लेकिन वह अभी भी हिरासत में है।
पूर्व पुलिसकर्मी ने अपने आवेदन में कहा, ‘मैं आरोपी नहीं हूं; मैं मामले में एक गवाह हूं। मैं कार्यवाही बंद किए जाने या अपनी रिहाई के औपचारिक आदेश का हकदार हूं। मैं एक दुर्भाग्यशाली व्यक्ति हूं, जिसे माफ कर दिया गया है, लेकिन उसे जेल में रखा जा रहा है।’
उसने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सुरक्षा के नाम पर जेल में बंद रहता है, तो माफी दिए जाने का उद्देश्य ”बेकार” हो जाएगा।
भाषा
नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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