पालघर में दवा फैक्टरी में गैस रिसाव : चार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

पालघर में दवा फैक्टरी में गैस रिसाव : चार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

पालघर में दवा फैक्टरी में गैस रिसाव : चार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
Modified Date: August 22, 2025 / 10:09 am IST
Published Date: August 22, 2025 10:09 am IST

पालघर, 22 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक दवा फैक्टरी में नाइट्रोजन गैस लीक होने से चार श्रमिकों की मौत होने के एक दिन बाद शुक्रवार को पुलिस ने कंपनी के चार वरिष्ठ कर्मचारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया।

बोईसर थाने के एक अधिकारी ने बताया कि दवा कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो ‘‘गैर इरादतन हत्या’’ से संबंधित है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच जारी है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गयी है।’’

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पुलिस के अनुसार, यह घटना बोईसर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ‘मेडले फार्मा’ में बृहस्पतिवार दोपहर को हुई। बोईसर मुंबई से करीब 130 किलोमीटर दूर है। घटना में चार श्रमिकों की मौत हो गयी और दो अन्य घायल हो गए।

पालघर जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अपराह्न ढाई से तीन बजे के बीच कंपनी की एक इकाई में नाइट्रोजन गैस का रिसाव हुआ जिससे वहां काम कर रहे कर्मचारी गंभीर रूप से प्रभावित हुए।

उन्होंने बताया, ‘‘छह कर्मियों को शिंदे अस्पताल ले जाया गया जहां शाम करीब सवा छह बजे चार कर्मियों की मौत हो गई। उनकी पहचान कल्पेश राउत (43), बंगाली ठाकुर (46), धीरज प्रजापति (31) और कमलेश यादव (31) के रूप में की गयी है। घटना के वक्त फैक्टरी में 36 श्रमिक काम कर रहे थे।’’

अस्पताल के चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को बताया कि दो घायलों बोईसर निवासी रोहन शिंदे (35) और दहानू निवासी नीलेश हडाल (37) की हालत गंभीर है और आईसीयू में उनकी लगातार निगरानी की जा रही है।

स्थानीय पुलिस और औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रारंभिक जांच शुरू की।

एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि क्या ऐसी प्रक्रियाओं के लिए निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई चूक हुई है। नाइट्रोजन टैंक के तकनीकी मूल्यांकन के बाद ही सही कारण का पता चलेगा।’’

भाषा

गोला वैभव

वैभव


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