मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मेहुल चोकसी द्वारा प्रवर्तित गीतांजलि समूह के पूर्व उपाध्यक्ष विपुल चितालिया को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।
करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले में गिरफ्तार किए जाने के चार साल बाद चितालिया को जमानत दी गई है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मार्च 2018 में चितालिया को यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था कि वह अनधिकृत गारंटी पत्र (लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग) और विदेशी साख पत्रों (लेटर्स ऑफ क्रेडिट) को हासिल करने और बैंक अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थे।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने शुक्रवार को चितलिया को जमानत दे दी। जमानत शर्तों के साथ विस्तृत आदेश तत्काल उपलब्ध नहीं हुआ है।
चितालिया पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
दिसंबर 2020 में सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद उन्होंने अधिवक्ता विजय अग्रवाल के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
अधिवक्ता अग्रवाल ने दलील दी कि चितालिया चार साल से जेल में हैं और मामले में आरोप तय होना बाकी है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगाओकर ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह गीतांजलि समूह के दो अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक थे, जब उसने बैंकों से गारंटी पत्र के लिए आवेदन दायर किया था।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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