मुंबई-नागपुर में उच्च न्यायालय, स्थानीय अदालतों को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल
मुंबई-नागपुर में उच्च न्यायालय, स्थानीय अदालतों को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल
मुंबई, 18 दिसंबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय समेत मुंबई और नागपुर में कई स्थानीय अदालतों और प्रमुख वित्तीय संस्थानों को बम से उड़ाने की धमकियां बृहस्पतिवार को ईमेल के जरिए मिलीं, जिसने दहशत पैदा कर दी और कानूनी कार्यवाही को ठप्प कर दिया।
पुलिस और बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया और इन सभी धमकियों को फर्जी घोषित कर दिया क्योंकि कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली।
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, ‘‘दोपहर दो बजे आरडीएक्स विस्फोट’’ की चेतावनी देने वाले कई ईमेल एक ही उपयोगकर्ता द्वारा फर्जी खाते से भेजे गए थे और इसका आईपी पता इजराइल में स्थित पाया गया है। हालांकि इसकी अब भी पुष्टि की जा रही है।
ये ईमेल बृहस्पतिवार सुबह उच्च न्यायालय के साथ-साथ मुंबई के मझगांव, एस्प्लेनेड, बांद्रा और अंधेरी स्थित सत्र अदालत और स्थानीय अदालतों में प्राप्त हुए, जिसके चलते अदालत के कर्मचारियों और वकीलों को तुरंत बाहर निकाला गया।
उच्च न्यायालय की कार्यवाही रोक दी गई क्योंकि बीडीडीएस ने विरासत भवन की अच्छी तरह से तलाशी ली।
‘बॉम्बे बार एसोसिएशन’ के अध्यक्ष नितिन ठक्कर ने बाद में पत्रकारों को बताया कि सभी अदालत कक्षों की पूरी तरह से तलाशी ली गई और अंततः दोपहर तीन बजे सुनवाई फिर से शुरू हुई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘मुंबई उच्च न्यायालय, सत्र अदालत, दक्षिण मुंबई के मझगांव और एस्प्लेनेड अदालत, बांद्रा और अंधेरी में स्थित दो मजिस्ट्रेट अदालत और दो प्रमुख बैंकों को सुबह बम की धमकी देने वाले ईमेल प्राप्त हुए। इनमें से अधिकांश स्थानों को तुरंत खाली करा लिया गया। बम निरोधक दस्ता बुलाया गया, लेकिन तलाशी में कहीं भी कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक की जांच में पता चला है कि फर्जी ईमेल पते का इस्तेमाल करके बम की धमकी दी गई थी। ये सभी ईमेल एक ही खाते से भेजे गए थे, जिनमें भेजने वाले ने दावा किया था कि दोपहर दो बजे आरडीएक्स विस्फोट होगा।’’
अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि ईमेल का आईपी पता इजराइल में स्थित है। लेकिन यह एक फर्जी खाता है, इसलिए पुलिस ईमेल भेजने वाले के सटीक स्थान का पता लगाने की कोशिश कर रही है और उस व्यक्ति की तलाश जारी है।
उन्होंने बताया कि बाद में आज़ाद मैदान थाने में बम की फर्जी धमकी के संबंध में एक मामला दर्ज किया गया।
मुंबई उच्च न्यायालय के दो बार एसोसिएशनों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सुरक्षा चिंताओं के कारण, उच्च न्यायालय के कर्मचारियों को तलाशी अभियान के लिए तुरंत परिसर से बाहर जाने के लिए कहा गया था।
अंधेरी में हुई घटना के बारे में वकील अली काशिफ खान ने कहा कि वह महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई के लिए आए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मजिस्ट्रेट ने अचानक बिना कोई कारण बताए सभी मामलों में सुनवाई स्थगित करना शुरू कर दिया।’’
वकील खान ने कहा, ‘‘जैसे ही हम नीचे आए, सभी कारों को अदालत परिसर से बाहर निकालने के लिए कहा गया, और वहां हमें अदालत के पुलिस अधिकारियों से पता चला कि बम निरोधक दल जांच करने आ रहा है।’’
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत को आज सुबह उसके आधिकारिक ईमेल आईडी पर बम से उड़ाने की धमकी वाला संदेश प्राप्त हुआ।
निर्मल नगर पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, ‘‘सूचना मिलते ही पुलिस, बम निरोधक दस्ते और अन्य सुरक्षाकर्मी अदालत पहुंचे और परिसर की गहन तलाशी ली। हालांकि, तलाशी के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।’’
नागपुर जिला एवं सत्र न्यायालय को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें इमारत के अंदर बम होने का दावा किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने परिसर की तलाशी शुरू की।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोशन बागडे ने कहा कि अदालत की ईमेल आईडी पर सुबह संदेश भेजा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि सिविल लाइंस इलाके में स्थित इमारत में जल्द ही विस्फोट होंगे।
इसके बाद जिला अदालत में सुरक्षा बढ़ा दी गई और बीडीडीएस कर्मियों ने परिसर का निरीक्षण किया। हालांकि, पुलिस अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
भाषा नोमान शफीक
शफीक

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