हिंदी विवाद: भाजपा मंत्री हिंदी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए मनसे के ‘पोस्टर ब्वॉय’ बने

हिंदी विवाद: भाजपा मंत्री हिंदी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए मनसे के ‘पोस्टर ब्वॉय’ बने

हिंदी विवाद: भाजपा मंत्री हिंदी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए मनसे के ‘पोस्टर ब्वॉय’ बने
Modified Date: June 29, 2025 / 08:32 pm IST
Published Date: June 29, 2025 8:32 pm IST

मुंबई, 29 जून (भाषा) हिंदी को थोपे जाने का विरोध करने वाले महाराष्ट्र के मंत्री अशोक उइके की टिप्पणी को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से अप्रत्याशित समर्थन मिला है, जिसने पांच जुलाई के अपने विरोध प्रदर्शन से पहले अपने पोस्टरों पर उइके की तस्वीर और उनके बयान को प्रमुखता से छापा है।

पार्टी ने मुंबई के कुछ इलाकों में अपने बैनरों पर राज्य के आदिवासी विकास मंत्री के कथनों को दर्शाया है।

उइके ने हाल ही में कहा था कि वह केवल मराठी में ही बात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक आदिवासी परिवार में पैदा हुआ था। मेरी मां साक्षर नहीं थीं, उन्होंने मेरे अंदर मराठी मूल्य डाले। मैं हिंदी नहीं जानता और मैं हिंदी में बात नहीं करूंगा।’’

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उनकी यह टिप्पणी पिछले सप्ताह पुणे में आदिवासी विकास विभाग की समीक्षा बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौरान आई।

मंत्री की टिप्पणी को पूरे मुंबई में मनसे के बैनरों पर छापा गया है, जो कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी शुरू करने के राज्य सरकार के फैसले के बढ़ते विरोध के बीच ध्यान आकर्षित कर रहा है।

मनसे और शिवसेना (उबाठा) ने ‘‘हिंदी थोपे जाने’’ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और वे पांच जुलाई को संयुक्त विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

मुंबई के मनसे नेता यशवंत किलेदार ने कहा, ‘‘ सरकार के इस फैसले का विरोध किया जाना चाहिए और हम पूरी ताकत से इसका विरोध कर रहे हैं। भले ही मंत्री उइके भाजपा से हैं लेकिन उनका बयान हमारी स्थिति से मेल खाता है। लोगों को यह बात पता होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि उइके का हिंदी बोलने से साफ इनकार करना राज्य के कई लोगों की भावना को प्रतिध्वनित करता है।

दादर स्थित शिवसेना भवन के बाहर ‘‘आओ हिंदी लागू करने वाले सरकारी आदेश को जलाएं, आओ मराठी एकता की ताकत दिखाएं’’ जैसे नारे लिखे बैनर लगे हुए हैं।

शिवसेना (उबाठा) के विधायक महेश सावंत ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें सरकारी आदेश को सार्वजनिक रूप से जलाना भी शामिल है।

राज्य की त्रिभाषा नीति का विरोध दलगत भावना से परे समर्थन जुटाता दिख रहा है। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों पांच जुलाई के विरोध प्रदर्शन के लिए एक साथ आएंगे।

भाषा शोभना सुभाष

सुभाष


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