अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे परिजन, अचानक अर्थी से उठ खड़ा हुआ शख्स, जानिए क्या है पूरा मामला

अस्पताल ने व्यक्ति को मृत घोषित किया, अंतिम संस्कार की तैयारी करते समय जग गया

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  • Publish Date - June 15, 2025 / 08:30 AM IST,
    Updated On - June 15, 2025 / 02:57 PM IST
HIGHLIGHTS
  • मृत घोषित व्यक्ति अंतिम संस्कार से पहले जीवित हो गया।
  • डॉक्टर ने "मानवीय आधार" पर जारी किया मृत्यु प्रमाण पत्र।
  • अब मरीज दूसरे अस्पताल में उपचाराधीन है, प्रशासन पर उठे सवाल।

ठाणे: Dead Man Alive महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर के एक अस्पताल के एक चिकित्सक द्वारा मृत घोषित किया गया व्यक्ति उस समय जग गया जब उसका परिवार उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था। परिजनों ने शनिवार को बताया कि पीलिया से पीड़ित अभिमन्यु तायडे को बेचैनी की शिकायत के बाद स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया, जिसके बाद परिवार ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी, इसी दौरान अभिमन्यु तायडे जाग गए।

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Dead Man Alive अस्पताल के एक डॉक्टर ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन दावा किया कि उन्होंने ‘‘मानवीय आधार’’ पर मृत्यु प्रमाण पत्र दिया था, जब परिवार ने स्वयं बताया था कि तायडे की मौत हो गई है। तायडे फिलहाल दूसरे अस्पताल में उपचाराधीन हैं। अस्पताल की लापरवाही के संबंध में क्या कार्रवाई की जाएगी, यह जानने के लिए उल्हासनगर नगर निगम के चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।

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अभिमन्यु तायडे को मृत क्यों घोषित किया गया था?

अस्पताल के डॉक्टर ने बिना गहन जांच के उन्हें मृत मानते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जो एक गंभीर लापरवाही है।

क्या डॉक्टर ने अपनी गलती मानी है?

हां, डॉक्टर ने मानवीय आधार पर गलती स्वीकार की, लेकिन इसके पीछे परिवार द्वारा दी गई जानकारी का हवाला दिया।

अब मरीज की स्थिति कैसी है?

अभिमन्यु तायडे फिलहाल एक अन्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं और जीवित हैं।

क्या अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है?

फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है, उल्हासनगर नगर निगम के अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया है।

इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

स्वास्थ्य विभाग की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह घटना प्रशासनिक जांच की मांग कर रही है।