अगर भुजबल मराठा आरक्षण में बाधा डालते रहे तो मंडल आयोग को चुनौती दूंगा : जरांगे

अगर भुजबल मराठा आरक्षण में बाधा डालते रहे तो मंडल आयोग को चुनौती दूंगा : जरांगे

अगर भुजबल मराठा आरक्षण में बाधा डालते रहे तो मंडल आयोग को चुनौती दूंगा : जरांगे
Modified Date: February 8, 2024 / 09:27 pm IST
Published Date: February 8, 2024 9:27 pm IST

नासिक, आठ फरवरी (भाषा) आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की राह में बाधाएं पैदा कीं तो वह ‘‘मंडल आयोग को चुनौती देंगे।’’

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ‘‘सगे-संबंधी’’ या उन लोगों के रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के अपने आश्वासन पर अमल नहीं किया, जिन्होंने पहले से ही खुद को कुनबी समुदाय से संबंधित बताया है, तो वह 10 फरवरी से नए सिरे से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

जरांगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जैसे आपके बेटे-बेटियां हैं, वैसे ही हमारे भी बेटे-बेटियां हैं। हम मंडल आयोग को चुनौती नहीं देना चाहते। आप जियो और हमें जीने दो। लेकिन अगर आपने हमारे आरक्षण की राह में बाधाएं पैदा कीं, तो हमारा धैर्य जवाब दे जाएगा और हमें मंडल आयोग को चुनौती देनी पड़ेगी।’’

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गौरतलब है कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण करीब तीन दशक पहले मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया था।

जरांगे ने कहा, ‘‘राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के लिए तीन बार समस्याएं पैदा की हैं। उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।’’

भुजबल मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र देने की सुविधा देने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं, जो जरांगे की मांग थी।

जरांगे ने कहा, ‘‘दस फरवरी से प्रस्तावित भूख हड़ताल ‘संगे-संबंधी’ आदेश के कार्यान्वयन के लिए है। मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद्द करने की मांग भी पूरी नहीं हुई है।’’

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल


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