मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम)-मुंबई ने बुधवार को कहा कि उसने मुंबई या उसके आसपास एक सैटेलाइट कैंपस (परिसर) की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है।
आईआईएम-मुंबई ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित सैटेलाइट कैंपस में अर्थशास्त्र, लेखांकन और वित्त, प्रौद्योगिकी और डेटा विज्ञान तथा कानून जैसे विषयों पर आधारित स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट के पाठ्यक्रमों का संचालन होगा।
इस प्रस्ताव में महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए एक विस्तृत वित्तीय एवं बुनियादी ढांचा योजना शामिल है।
इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप, अंतःविषय अनुसंधान को भविष्य के लिए तैयार शिक्षाशास्त्र के साथ एकीकृत करना है। एनईपी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लचीलेपन, नवाचार और समग्र विकास को बढ़ावा देती है।
यह प्रस्ताव राज्य के दूरदर्शी ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ रूपरेखा (रोडमैप) के अनुरूप है और मुंबई को वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।
आईआईएम-मुंबई के निदेशक मनोज के तिवारी ने कहा, ‘‘ यह प्रस्ताव वित्त और प्रौद्योगिकी पर प्रमुख रूप से बल देने के साथ प्रबंधन शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता को संस्थागत बनाने का एक दुर्लभ अवसर प्रस्तुत करता है। नियामकों और प्रमुख संस्थानों के साथ निकटता से छात्रों को जीवंत नीति, नवाचार और उद्योग ढांचे के साथ बेजोड़ संपर्क और जुड़ाव मिलेगा – जो भविष्य के लिए नेतृत्व को आकार देने के लिए आवश्यक है।’’
सैटेलाइट कैंपस एक भौतिक रूप से पृथक स्थान होता है जो किसी बड़े विश्वविद्यालय या कॉलेज का हिस्सा होता है, तथा मुख्य परिसर से दूर स्थित होता है। इन परिसरों का उपयोग अक्सर शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने, विशेष कार्यक्रम प्रदान करने या विशिष्ट समुदायों की सेवा करने के लिए किया जाता है। वे विभिन्न शहरों, राज्यों या यहां तक कि देशों में स्थित हो सकते हैं।
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