पुणे, एक दिसंबर (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी भारतीय नौसेना के पास नहीं हैं जिनमें प्रणोदन प्रणाली, एयरो इंजन, पानी के अंदर कार्य करने वाली विशिष्ट क्षमताएं शामिल हैं।
एडमिरल त्रिपाठी ने छात्रों से इस कमी या विषमता को दूर करने में मदद करने का आग्रह किया।
एडमिरल त्रिपाठी ने ”समुद्री शक्ति और आत्मनिर्भरता के माध्यम से भारत के भविष्य को आकार देना – एक भारतीय नौसेना परिप्रेक्ष्य” नामक विषय पर जनरल बी.सी. जोशी मेमोरियल व्याख्यान देते हुए यह बात कही।
इसका आयोजन सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में रक्षा और सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा किया गया था।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘‘….नौसेना ने इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) कार्यक्रम में 198 नवाचारों का नेतृत्व किया। कुल 565 चुनौतियों में से लगभग 35 प्रतिशत, हमारी आवश्यकताओं और हमारे नवाचार की विश्वसनीयता को दर्शाती हैं। हालांकि हमने कई क्षमताओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन कुछ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां आज भी हमसे दूर हैं।’’
उन्होंने जहाजों और पनडुब्बियों के लिए प्रणोदन प्रणाली, एयरो इंजन, पानी के नीचे कार्य करने वाली विशिष्ट क्षमताएं, उच्च-स्तरीय हथियार प्रणाली, हाइपरसोनिक तथा क्रूज प्रणाली को कुछ उन प्रौद्योगिकियों के रूप में सूचीबद्ध किया जो हमारी नौसेना के पास नहीं हैं।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि यह वह क्षेत्र है जहां युवा छात्र और शोधकर्ता नौसेना को इन कमियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम रक्षा उद्योगों के साथ समानांतर रूप से काम कर रहे हैं।’’
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