साथ चुनाव कराने पर जोर ‘अन्य’ धर्मों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश है: शिवसेना (यूबीटी)

साथ चुनाव कराने पर जोर ‘अन्य’ धर्मों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश है: शिवसेना (यूबीटी)

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  • Publish Date - March 29, 2025 / 03:06 PM IST,
    Updated On - March 29, 2025 / 03:06 PM IST

मुंबई, 29 मार्च (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने एक साथ चुनाव कराने पर जोर देने को लेकर केंद्र सरकार पर शनिवार को निशाना साधते हुए दावा किया कि चुनावी सुधार की आड़ में ‘‘अन्य’’ धर्मों के लोगों को मतदाता सूची से अंततः बाहर करके मतदान कराया जाएगा।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में दावा किया गया कि भाजपा चाहती है कि देश में केवल एक ही पार्टी रहे और ‘एक पार्टी एक चुनाव’ ही उसका अंतिम लक्ष्य है।

संपादकीय में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति लातिन अमेरिकियों, अश्वेत अमेरिकियों और प्रवासियों को मतदान करने से रोकना चाहते हैं, उसी तरह भारत में ‘‘अन्य’’ धर्मों के लोगों को मतदाता सूची से बाहर करके मतदान कराया जाएगा और इसे चुनाव सुधार का नाम दिया जाएगा।

संपादकीय में ट्रंप द्वारा मंगलवार को हस्ताक्षरित उस कार्यकारी आदेश का भी उल्लेख किया गया, जिसमें संघीय चुनावों में मतदान के लिए पंजीकरण हेतु नागरिकता संबंधी दस्तावेजी प्रमाण को आवश्यक बनाया गया है तथा प्रावधान किया गया है कि चुनाव के दिन तक सभी मतपत्र प्राप्त हो जाएं।

शिवसेना (उबाठा) ने कहा, ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे मजबूत लोकतंत्र है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र की जड़ें बहुत कमजोर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विश्वास नहीं करते।’’

संपादकीय में ट्रंप को ‘‘व्हाइट मोदी’’ करार देते हुए कहा गया है कि यह कदम डेमोक्रेटिक पार्टी के ‘वोट बैंक’ के लिए बड़ा झटका है क्योंकि इससे लातिन अमेरिकियों, अश्वेत अमेरिकियों और प्रवासियों को मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाएगा।

भाषा

योगेश सिम्मी

सिम्मी