मुंबई, 20 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का पता नहीं चल पाया है।
इसके साथ ही सरकार ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी का पता नहीं चल रहा है, इसलिए वह अपने आश्वासन पर कायम नहीं रहना चाहती कि उत्पीड़न कानून संबंधी एक मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई (जैसे गिरफ्तारी) नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ से कहा कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं। खंबाटा ने कहा, ‘उनका पता नहीं चल पा रहा है। इन परिस्थितियों में, हम अपने पहले के बयान पर कायम नहीं रहना चाहते हैं, जब सरकार ने कहा था कि वह उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी।’
परमबीर सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि उन्हें अभी तक भगोड़ा नहीं घोषित किया गया है। जेठमलानी ने कहा, ‘इस मामले में उन्हें दो बार समन जारी किया गया और दोनों बार उन्होंने जवाब दिया।’
उच्च न्यायालय वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे की एक शिकायत पर उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून तथा भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
अदालत ने सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
भाषा अविनाश अनूप
अनूप
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