Maharashtra Cabinet ke faisle: राज्य मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों को दी जाएगी दोगुना मानदेय राशि

Maharashtra Cabinet ke faisle: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों को दी जाने वाली मानदेय राशि दोगुनी की

FIR Against KK Srivastava| image source: ibc24

Modified Date: June 17, 2025 / 05:16 PM IST
Published Date: June 17, 2025 4:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक
  • पति/पत्नी का नाम भी लाभार्थी के रूप में जोड़ने का निर्णय

मुंबई: Maharashtra Cabinet ke faisle, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को आपातकाल के दौरान राज्य की जेलों में बंद किए गए लोगों को दी जाने वाली मानदेय राशि को दोगुना करने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने जेल में बंद रहे व्यक्ति के पति/पत्नी का नाम भी लाभार्थी के रूप में जोड़ने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चल रही “गौरव योजना” में इन बदलावों को मंजूरी दी गई।

वर्तमान में इस योजना के तहत दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत, आपातकाल (1975-1977) के दौरान एक महीने के लिए जेल में बंद लोगों को 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जबकि इससे अधिक अवधि के लिए जेल में बंद लोगों को 10,000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यह राशि दोगुनी कर दी जाएगी।

मौजूदा नियम के तहत, यदि आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को 2,500 रुपये (एक महीने या उससे कम की जेल अवधि के लिए) और 5,000 रुपये (एक महीने से अधिक की जेल अवधि के लिए) मासिक पेंशन दी जाती है।

यह योजना फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल (2014 से 2019 तक) के दौरान शुरू की थी। पात्र व्यक्तियों को 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर जिला कलेक्ट्रेट में आवेदन करना था, जिसकी जांच कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की गई।

आपातकाल 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया था, तथा 21 मार्च 1977 तक लागू रहा। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने 2020 में पेंशन योजना को बंद कर दिया था, लेकिन 2022 में एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे फिर से शुरू कर दिया गया।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः
लेखक के बारे में

लेखक डॉ.अनिल शुक्ला वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में सीनियर एसोसिएट प्रोड्यूसर और शिफ्ट इंचार्ज हैं। वर्ष 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, मध्यप्रदेश से पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। इसके पहले महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ से एम.एससी इन इलेक्ट्रानिक मीडिया (M.sc EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इनके अलावा गुरूघासीदास विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। लेखक ने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एण्ड मासकम्यूनिकेशन (PGDJMC) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डेवलेपमेंट (PGDRD) विषय में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। लेखक ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता निभाया है। तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। लेखक को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।