महाराष्ट्र: सरपंच हत्या मामले में अदालत ने आरोपी को आरोप-मुक्त करने से इनकार किया
महाराष्ट्र: सरपंच हत्या मामले में अदालत ने आरोपी को आरोप-मुक्त करने से इनकार किया
मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के बीड की एक विशेष अदालत ने सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के आरोपी विष्णु चाटे की आरोप-मुक्त करने संबंधी याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह संगठित अपराध गिरोह का सदस्य प्रतीत होता है, जो लगातार गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त रहा है।
विशेष मकोका न्यायाधीश वी. एच. पटवाडकर ने इस महीने की शुरुआत में चाटे की अर्जी खारिज कर दी थी।
अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा कि “प्रथम दृष्टया, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के पर्याप्त आधार हैं।”
बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास करने पर अगवा करके यातनाएं दी गई थीं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राकांपा नेता धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड समेत आठ लोगों को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया था।
चाटे ने इस आधार पर आरोप-मुक्त करने की मांग की थी कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं। उसने कहा था कि वह मृतक के कथित अपहरण, हमले और हत्या में शामिल नहीं था।
राज्य की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने दलील दी कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने और आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि “आवेदक (चाटे) संगठित अपराध गिरोह का सदस्य प्रतीत होता है और लगातार गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त रहा है।”
अदालत ने पाया कि चाटे ने ‘घटना के बाद कथित तौर पर अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया, जो अपराधों में उसकी संलिप्तता और साठगांठ को दर्शाता है।’’
अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उसने जानबूझकर अपराध में सह-आरोपियों की मदद की।
अदालत ने कहा, ‘‘लिहाजा, प्रथम दृष्टया, आवेदक/आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही करने के पर्याप्त आधार हैं। इसलिए, वह आरोप-मुक्त किए जाने का हकदार नहीं है।’’
भाषा जोहेब सुरेश
सुरेश

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