चंद्रपुर, 23 दिसंबर (भाषा) किडनी रैकेट की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने महाराष्ट्र के सोलापुर से एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, जांच में सामने आया कि फर्जी डॉक्टर करीब 10 से 12 लोगों की किडनी निकालने के लिए उन्हें कथित तौर पर कंबोडिया के एक अस्पताल ले गया था और उसे गिरोह संचालकों से कमीशन मिली।
जांच चंद्रपुर जिले की नागभिड तहसील के किसान रोशन कुडे की शिकायत के बाद शुरू हुई, जिसने स्थानीय साहूकारों से लिये गए ऋण को चुकाने के लिए कंबोडिया में अपनी किडनी बेची थी।
चंद्रपुर के पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुम्मका ने बताया कि पुलिस ने अब तक पांच साहूकारों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक फरार है।
सोलापुर से गिरफ्तार फर्जी डॉक्टर की पहचान कृष्णा के रूप में हुई है, जो कभी खुद इस गिरोह का पीड़ित था और बाद में किडनी रैकेट का एजेंट बन गया।
मुम्मका ने बताया कि कृष्णा का असली नाम मल्लेश है। उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल ने उसका पता अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर के जरिए लगाया। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और डॉक्टर नहीं है।
जांच में सामने आया कि आरोपी, जिसे ‘डॉ. कृष्णा’ के नाम से जाना जाता था, असल में फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि उसने 2018 में अपनी किडनी आर्थिक कठिनाई के चलते बेची थी और बाद में किडनी रैकेट में एजेंट बन गया। आरोप है कि प्रत्येक मामले में उसे एक लाख रुपये का कमीशन मिलता था।
एसपी मुम्मका ने बताया कि आरोपी से यह पता लगाने के लिए अभी पूछताछ की जा रही है कि उसने अब तक कितने लोगों को अपनी किडनी बेचने में मदद की है।
भाषा अमित सुभाष
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